मध्यप्रदेश में फिर चढ़ने लगा हनीट्रैप का रंग , एसीएस पीसी मीणा की जान जोखिम में , चीफ सेक्रेटरी से मिलने के लिए माँगा वक्त , चिट्ठी हुई वायरल , सरकार का ऐलान हनीट्रैप में फंसे अफसरों पर होगी कार्रवाई 

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भोपाल वेब डेस्क / 

मध्यप्रदेश में हनीट्रैप में सुर्ख़ियों में रहे सरकारी अफसरों पर गाज गिरना तय मानी जा रही है | पहली कड़ी में दो उन अफसरों की छुट्टी हो चुकी है , जो मंत्रियों के यहां बतौर OSD काम कर रहे थे | इस बीच वरिष्ठ आईएएस अफसर पीसी मीणा ने खुद की जान को खतरा बताते हुए सनसनी फैला दी है | उन्होंने चीफ सेक्रेटरी से वक्त मांगा है | उनकी दलील है कि वो हकीकत से सीएस को रूबरू कराना चाहते है | उधर राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि वो हनीट्रैप में फंसे अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी | अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि इस कांड में लिप्त अफसरों को कम्पल्सरी रिटायरमेंट दिया जा सकता है | शासन स्तर पर इस बारे में जल्द फैसला लिए जाने के आसार है | 

उधर हनीट्रैप केस में फंसे आईएएस अधिकारी पीसी मीणा की एक चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है | इस पत्र में उन्होंने मुख्य सचिव से मिलने का वक्त मांगा है | इस चिट्ठी में मीणा ने खुद की जान को खतरा बताया है, साथ ही ये भी लिखा है कि उनका परिवार मानसिक रूप से प्रताडि़त हो रहा है | पीसी मीणा की ओर से लिखी गई इस चिट्ठी में कहा  गया है कि उनके खिलाफ एक षड्यंत्र रचा गया है | उनके मुताबिक 6 महीने पहले एक वायरल वीडियो से उनकी व्यक्तिगत छवि बिगाडऩे की कोशिश की गई थी | मीणा ने कहा है कि इस बारे में उनकी ओर से वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत सूचित किया गया था | चिट्टी में दलील दी गई है कि उन्होंने अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अभी तक इस मामले में चुप्पी साधे रही | लेकिन हनीट्रैप की जांच के लिए गठित एसआईटी की ओर से कोर्ट में पेश चालान में जो बातें लिखी गई हैं वो भ्रामक हैं और इस मामले में वो पूरी जानकारी मुख्य सचिव को देना चाहते हैं |

 करीब छह माह पूर्व पीसी मीणा के वीडियो से ही हनीट्रैप मामले का खुलासा हुआ था | इस वीडियों में वो आरोपी श्वेता के साथ हमबिस्तर दिखाई दिए थे |  बाद में जब हनीट्रैप केस की जांच आगे बढ़ी तो फिर इसके तार फैलते चले गए | हनीट्रैप केस में राजनेताओं के अलावा कुछ अधिकारियों के भी शामिल होने और उनसे रकम की लेनदेन का खुलासा हुआ था |  हनीट्रैप केस में पत्रकारों के शामिल होने की बातें भी चार्जशीट में सामने आई है | हाल ही में इस मामले की पेश चार्जशीट में प्रदेश के कद्दावर मंत्रियों के दो ओएसडी का नाम सामने आने के बाद मंत्रियों ने दोनों ही ओएसडी की छुट्टी कर दी है | उन्हें उनके मूल विभाग भेज दिया गया है |   


खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के ओएसडी हरीश खरे और अरुण निगम को मंत्रियों की पदस्थापना से हटाए जाने के बाद अन्य अफसरों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है | बताया जाता है कि चार्जशीट में नाम सामने आने के बाद  हरीश खरे को महिला एवं बाल विकास विभाग में उपसंचालक के मूल पद पर वापस भेज दिया गया है और उनकी जगह राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी चंद्रभूषण को मंत्री का ओएसडी बनाया गया है, जबकि अरुण निगम को अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में भेजा गया है | सूत्र बता रहे है कि एसीएस पीसी मीणा के निलंबन की कार्रवाई अपनी प्रक्रिया में है | लिहाजा इस कार्रवाई से बचने के पूर्व उन्होंने सीएस के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट करने का कदम उठाया है | उनके इस पत्र को निलंबन की संभावित कार्रवाई से जोड़कर देखा जा रहा है |