गुना / मध्य प्रदेश के गुना से मानवता को शर्मसार कर देने वाली खबर आई है | रिछेरा गांव में दीपक जाट और नीरज जाट ने सहरिया आदिवासी समाज के एक परिवार को बंधुआ मजदूर बनाकर रखा था | दरअसल 4 साल पहले पहलवान सिंह ने रिछेरा गांव के दीपक जाट से 25 हजार रु. उधार लिए थे। इसके बाद से ही वह दीपक के खेत पर पत्नी और 4 बच्चों सहित बंधुआ मजदूरी कर रहा था और उसी के खेत पर रहता था |
उसके चारों बच्चों को कुछ दिन से बुखार था | बीते रोज जब पहलवान सहरिया के 9 साल के मासूम बेटे देशराज को तेज बुखार आया तो मजदूर पिता ने जमीन मालिक दीपक जाट से इलाज के लिए पैसे मांगे | लेकिन पैसे देना तो दूर बल्कि इलाज कराने की अनुमति भी दीपक जाट द्वारा नहीं दी गई |
दीपक और नीरज जाट ने मजदूर पहलवान सहरिया (आदिवासी) के साथ बुरी तरह से मारपीट करते हुए कपड़े फाड़ दिये | दबंगों ने को कहीं नहीं जाने दिया और खेत पर ही रहने को कहा | इस दौरान इलाज न मिलने की वजह से बच्चे की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई | जैसे-तैसे मजदूर माता- पिता अपने बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन बच्चे की मौत हो गई |
अपने साथ हुई इस अमानवीय घटना से नाराज आदिवासी परिवार ने कैंट थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए बच्चे के शव को रखकर चक्काजाम कर दिया | परिजनों का आरोप था कि शिकायत करने के बावजूद कैंट पुलिस ने उनकी मदद नहीं की बल्कि आरोपियों का साथ दिया | बताया जा रहा है कि आरोपियों के चंगुल से मुक्त होकर एक दिन पहले मजदूर पहलवान सहरिया ने कैंट थाने में आरोपियों की लिखित शिकायत की थी | लेकिन पुलिस ने उसे चलता कर दिया था | शिकायत की कॉपी भी पीड़ित पिता के पास मौजूद है |
मजदूर और उसके बच्चे के शव को कैंट पुलिस ने जैसे- तैसे जिला अस्पताल पहुंचाया | जिला अस्पताल पहुंचा कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने हालातों का जायजा लेते हुए तत्काल प्रभाव से आरोपी दीपक जाट और नीरज जाट के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) की कार्रवाई करते हुए दबंगों की धरपकड़ के आदेश दे दिए | वहीं पीड़ित परिवार को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई गई |