केंद्र सरकार ने दिया मुख्यमंत्री कमलनाथ को बड़ा झटका , वीके सिंह ही रहेंगे मध्यप्रदेश के डीजीपी , राज्य सरकार के पैनल को किया अमान्य , सीएम और डीजीपी के बीच तनातनी बढ़ी 

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रिपोर्टर – मनोज सागर   

भोपाल / वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वीके सिंह मध्य प्रदेश पुलिस के डीजीपी की कुर्सी पर जमे रहेंगे | मुख्यमंत्री कमलनाथ अब चाह कर भी उन्हें इस कुर्सी से हटा नहीं पाएंगे | दरअसल MHA ने राज्य  मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक बार फिर झटका दिया है। लोकसेवा आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए पत्र को अमान्य कर दिया है। आयोग ने साफ कर दिया है कि डीजीपी के लिए भेजे गए तीन नामों के पैनल को नियम-प्रक्रिया के तहत ही तैयार किया गया है। इसमें नियम विरुद्ध कुछ नहीं है। इस कारण इसे नहीं बदला जाएगा।

किसी भी अधिकारी से फोन पर अथवा ई-मेल से भी सहमति ली जा सकती है, अथवा बिना सहमति लिए भी संबंधित राज्यों के अधिकारियों का नाम पैनल में जोड़ा जा सकता है, बशर्ते उक्त अधिकारी का नाम नियमानुसार पैनल में आ रहा हो। यूपीएससी के पत्र के बाद मध्यप्रदेश के डीजीपी वीके सिंह को बदलने को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। हाल ही में मध्य्प्रदेश के डीजीपी को बदले जाने की कवायत जोरों पर थी | राज्य सरकार ने केंद्र को बकायदा पत्र लिखकर तीन अफसरों का एक पैनल भेजा था ताकि नए डीजीपी की नियुक्ति हो सके | 

इसी माह सात फरवरी को राज्य के गृह सचिव राजेश जैन ने यूपीएससी को लिखे पत्र में कहा था कि 18 नवंबर 2019 को आपके द्वारा जो पैनल भेजा गया था, उसमें वीके जौहरी का भी नाम शामिल है, जबकि जौहरी ने इस पद के लिए अपनी लिखित स्वीकृति प्रदान नहीं की थी। बैठक के पूर्व भी यूपीएससी को दो पत्र लिखे गए थे। राज्य सरकार के पत्र में कहा गया था कि जौहरी का नाम पैनल में शामिल करना संघ लोकसेवा आयोग नई दिल्ली के दिशा-निर्देशों के विरुद्ध है। अत: राज्य सरकार इसे अमान्य करती है। डीजीपी के लिए बने पैनल में वीके सिंह, विवेक जौहरी और एमएस गुप्ता के नाम थे। जौहरी वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर भारत सरकार में डीजी बीएएसएफ के पद पर पदस्थ हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है |