मध्यप्रदेश में किसानों के हिमायती होने का दावा करने वाली बीजेपी सरकार नाइंसाफी पर उतरी, बिजली बिल की वसूली के लिए किसानों के घरों में दबिश देकर टीवी- फ्रिज- बाइक कुर्क कर रहा बिजली विभाग, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौन

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बैतूल वेब डेस्क / मध्यप्रदेश में किसानों को लेकर राजनीति हमेशा जोरो पर रही है | पहले कांग्रेस सरकार ने उनके हिमायती होने का खोखला दावा कर सत्ता हथियाई और फिर बीजेपी ने भी उनके आंसू पोछने का रोना रोया | कमलनाथ सरकार की रवानगी के बाद बीजेपी ने बिजली बिल की वसूली को लेकर किसानों को कोरोना काल में थोड़ी राहत जरूर दी थी | लेकिन अब जब बारिश के मौसम में किसान अपने खेत खलियानों में बुआई में जुटे है, ऐसे समय फिर से बिजली बिलों की वसूली के लिए बिजली विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है |

बिजली विभाग ने बैतूल में आतंक मचाना शुरू कर दिया है | यहां किसानों पर बकाया बिजली बिल न चुकाने पर कुर्की की कार्रवाई की जा रही है | बिजली विभाग के कर्मियों ने वसूली के लिए कई किसानों के घरों से टीवी-फ्रिज जब्त कर लिए हैं, तो कई किसानों की मोटरसाइकिल तक मौके पर कुर्क की गई | वसूली के लिए की जा रही जोर जबरदस्ती से किसान हैरत में है |

बैतूल के आमला ग्रामीण बिजली वितरण कंपनी के तहत एक दर्जन से ज्यादा गांवों में बिजली विभाग का बड़ा वसूली अभियान चलाया जा रहा है | इसके तहत बड़गांव, ब्राह्माणवाड़ा, खेड़ली बाजार, छिपन्या समेत कई गांवों में पहुंचे अमले ने किसानों के घरों से टीवी, मोटरसाइकिलें और फ्रिज जैसे उपयोगी सामानों की कुर्की की | दरअसल इन किसानों पर सिंचाई पंपों के बिजली बिलों की हज़ारों की रकम बकाया है | कई नोटिसों के बाद भी जब किसानों ने बिजली बिल जमा नहीं किया, तो सरकार ने सख्ती शुरू कर दी |

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने किसानों को बकाया बिलों की वसूली के लिए कई नोटिस जारी किए थे | अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर किसानों से 20 हजार से लेकर 50 हजार तक की रकम वसूल की जानी है | कभी कर्ज का हवाला देकर तो कभी फसल चौपट होने की जानकारी देकर किसानों ने बिजली बिल की रक़म का भुगतान नहीं किया |

लंबे इंतज़ार के बाद विभाग ने किसानों के सामानों की कुर्की की कार्रवाई का फैसला किया | उधर कई किसानों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस कुर्की पर रोक लगाने की मांग की है | लेकिन कुर्की जारी रहने से माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस तरह की वसूली से काफी हद तक सहमत है |