संगरूर के सांसद और खालिस्तान समर्थक नेता सिमरनजीत सिंह मान ने सोमवार को पद की शपथ लेते हुए संविधान में विश्वास जताया. मान ने अध्यक्ष ओम बिरला से उनके कक्ष में मुलाकात की और अध्यक्ष पद की शपथ ली. इस दौरान वे भगत सिंह मान को आतंकी बताने वाले अपने बयान पर भी कायम रहे. इतना ही नहीं खालिस्तान को लेकर भी उनका रुख नहीं बदला. उन्होंने खालिस्तान की मांग का फिर समर्थन किया.
मान ने पंजाबी में ली शपथ
पंजाबी में शपथ लेते हुए मान ने कहा कि मैं भारतीय संविधान में विश्वास की पुष्टि करता हूं. मान ने संगरूर की बेहतरी के लिए काम करने का भी वादा किया. मान का ट्रेडमार्क कृपाण इस बार गायबथा, जिसे वे संसद में ले जाने पर पहले जोर देते थे.
लोकसभा में अब AAP का 1 भी सांसद नहीं
तीन बार के सांसद मान ने 1999 में भी संगरूर का प्रतिनिधित्व किया था. उन्होंने हाल ही में संगरूर लोकसभा उपचुनाव में आप के गुरमेल सिंह को हराकर 5,800 से अधिक मतों से जीत हासिल की. भगवंत मान के विधायक बनने के बाद खाली हुई इस लोकसभा सीट को फिर से जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने पूरा जोर लगा दिया था. इस हार के बाद अब लोकसभा में आम आदमी पार्टी का एक भी सांसद नहीं होगा.
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद छोड़ दी थी पुलिस की नौकरी
सिमरजीत सिंह मान ने 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी और 1989 के आम चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्होंने तरनतारन से 4.6 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. तब उन्होंने कृपाण के बिना संसद में प्रवेश करने से इनकार कर दिया था. 1999 में, उन्होंने अकाली नेता सुरजीत सिंह बरनाला को हराकर संगरूर लोकसभा सीट जीती थी.
