दिल्ली वेब डेस्क / देश में लोगों को रोजगार देने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोल आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जा रही है | सरकार को उम्मीद है कि इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा | उद्योग धंधों का नए सिरे से कायाकल्प होगा | आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत निजी क्षेत्र के लिए 41 कोल ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया आज शुरू होने वाली है | इसकी शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे. प्रधानमंत्री नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये संबोधित करेंगे | वे खनन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता हासिल करने को लेकर अपने दृष्टिकोण को रखेंगे |
इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी, वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी संबोधित करेंगे | आपको बता दें कि सरकार ने पिछले महीने राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर कॉमर्शियल माइनिंग के तौर-तरीकों को मंजूरी दी थी | सरकार को उम्मीद है कि उसके इस प्रयास से 33 हजार करोड़ का निवेश आएगा | कोयला मंत्रालय के मुताबिक इन कोल ब्लॉक्स की कॉमर्शियल माइनिंग में अगले पांच से सात साल में करीब 33,000 करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है |
ये ब्लॉक राज्य सरकारों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व देंगे | मंत्रालय ने कहा कि कोयला खनन क्षेत्र में नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गयी घोषणाओं का हिस्सा है | कोयला मंत्रालय ने उद्योग मंडल फिक्की के साथ मिलकर 41 कोल माइंस की नीलामी की प्रक्रिया का ब्यौरा तैयार किया है | ये खदान 22.5 करोड़ टन उत्पादन की क्षमता रखते हैं |
इसके आधार पर सरकार का कहना है कि ये खदान देश में 2025-26 तक अनुमानित कुल कोयला उत्पादन में करीब 15 प्रतिशत का योगदान देंगे |सरकार के मुताबिक कोल आवंटन से सीधे एवं परोक्ष रूप से 2.8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है | इसमें सीधे तौर पर करीब 70,000 लोगों को रोजगाार मिलने की उम्मीद है | इस पहल का मकसद ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में आत्मनिर्भरता हासिल करना और औद्योगिक विकास को गति देना है | उम्मीद की जा रही है कि इस बार कोल आवंटन में किसी भी तरह की गड़बड़ी और घोटाले के कोई आसार नहीं है |