केंद्र सरकार के मैनेजमेंट और स्थानीय प्रशासन की सक्रियता ने तूफान अम्फान के अरमानों पर फेरा पानी, पहली बार जान माल का औसत से कम नुकसान, हालाँकि सुपर साइक्लोन छोड़ गया बर्बादी का मंजर, देखिए तस्वीरें…

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भुवनेश्वर / कोलकाता – सुपर साइक्लोन अम्फान भारत से गुजर गया है | लेकिन अपने पीछे उसने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में उसने जमकर तबाही मचाई है | हालाँकि यह पहला मौका है जब इस तरह के पावर फूल साइक्लोन के आने पर कम से कम जान माल का नुकसान हुआ है | इसके लिए NDRF और स्थानीय प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है | केंद्र सरकार की भी इस मामले में सरहाना करनी होगी कि उसने समय रहते ठोस कदम उठाये थे | लोगों को सुरक्षित ठिकानों में पहुंचने और अम्फान के असर पर पैनी निगाह रखने के साथ साथ केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला | नतीजतन अम्फान वो प्रभाव नहीं दिखा पाया, जिसका अंदेशा जाहिर किया जा रहा था | 

सुपर साइक्लोन अम्फान के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के ज्यादातर हिस्सों में 130 से 185 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चली हैं | पेड़ उखड़ गए | बिजली के पोल जमीन पर आ गिरे. चीजें हवा में उड़ रही थी | कारें पानी में तैर रही थीं |कुछ ऐसा नजारा था जब अम्फान बर्बादी करने पर उतारू था | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि ऐसा तूफान 283 साल पहले 1737 में आया था | पश्चिम बंगाल में 10-12 और ओडिशा में 3 लोगों के मारे जाने की खबर है | 

दोनों ही राज्यों के कई इलाकों में पेड़ और दीवारें गिर गई हैं | देर रात तक तेज बारिश और तूफानी हवाएं दोनों राज्यों को झकझोरती रही | लोगों ने ऐसी अंधड़ बीते कई सालों में न किसी ने देखा न सुना | हवा की रफ्तार ऐसी थी मानो धरती पर जो कुछ भी है सब उखाड़कर उड़ा ले जा रही हो | अम्फान तूफान ने ओडिशा और बंगाल के लोगों को चंद घंटों में ही कयामत की झलक दिखा दी | 

बंगाल में समुद्र तट से टकराने के वक्त तूफान की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पहुंच गई थी, जबकि कई घंटे बाद तक कोलकाता शहर में 130 किमी प्रति घंटे की तक की रफ्तार से हवाएं चलती रहीं | भुवनेश्वर मौसम विभाग के डायरेक्टर एचआर बिश्वास ने कहा कि अम्फान एक गंभीर चक्रवातीय तूफान की तरह गुजरा | गुजरते वक्त यह इसकी गति 155 से 165 किमी प्रति घंटे थी, जो बढ़कर 185 तक हो गई | अम्फान का सबसे ज्यादा कहर प. बंगाल के उत्तर 24 परगना, दक्षिणी 24 परगना, मिदनापुर और कोलकाता में रहा | पश्चिम बंगाल में तूफान से तबाही कितनी हुई इसका पूरा हिसाब किताब अभी आना बाकी है |   

तूफान की रफ्तार जब तक थमी, कोलकाता में सबकुछ उलट पुलट हो चुका था. शहर में चारों तरफ पानी भर चुका था. गाड़ियां नावों की तरह तैर रही थी. सड़कों पर पेड़ उखड़े पड़े थे | बड़े-बड़े होर्डिंग, बिजली के पोल औंधे मुंह गिरे हुए थे | बुधवार रात तक जब तूफान पूरे शबाब पर था | हावड़ा ब्रिज भी इसके आगे नतमस्तक हो चला | आंधी के झोंकों ने पुल को ऊपर से लेकर नीचे तक कुछ इस तरह अपने आगोश में ले लिया कि पुल दिखना ही बंद हो गया | हावड़ा में तूफानी हवाओं के जोर से एक स्कूल की छत ही उड़ गई | 

बंगाल के मुकाबले ओडिशा में तूफान का कहर कुछ कम रहा | यहां ज्यादा असर बालासौर, भद्रक और केंद्रपाड़ा में दिखा लेकिन इन इलाकों में भी हवा की रफ्तार 110 किमी से ज्यादा नहीं रही | इसके बावजूद ओडिशा में अभी तक 3 लोगों की मौत की खबर है | बंगाल और ओडिशा में करीब साढ़े 6 लाख लोग पहले ही सुरक्षित निकाले जा चुके थे | तूफान की चपेट में आने वालों की मदद के लिए एनडीआरएफ और अर्धसैनिक बल भी तैनात थे | कई लोगों को अस्पताल भी पहुंचाया गया लेकिन सभी लोग इतने खुशकिस्मत नहीं रहे | 

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तूफान की रफ्तार से बंगाल के मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और ओडिशा के केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर और जगतसिंहपुर सीधे प्रभावित हुए हैं | असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और जम्मू- कश्मीर में भी तूफान का ऑरेंज अलर्ट है | तूफान के गुजर जाने के बाद उसके गहरे निशान हर तरफ पसरे हैं | राहत टीमें टूटे पेड़ों को सड़कों से हटाने में जुटी हैं, लेकिन काम खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा | सड़कों पर पानी भरा होने के चलते राहत काम में और भी मुश्किल आ रही है | फ़िलहाल बचाव दल जोर शोर से जुटा है |