दिल्ली वेब डेस्क / केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट से देश में CAA और NRC को लेकर करोड़ों के लेन-देन का खुलासा हुआ है | इस रिपोर्ट के मुताबिक सीएए हिंसा के लिए 120 करोड़ रूपये पीएफआई के खातों में डाले गए | इन्ही बैंक अकाउंट के जरिये वरिष्ठ वकील और कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल , इंदिरा जयसिंह और दुष्यंत ए दवे के खातों में लाखों रूपये ट्रांसफर किये गए | रिपोर्ट के मुताबिक पी एफ आई से नागरिकता विरोधी प्रदर्शन और दंगों के खिलाफ बैंक खातों से कई संस्थाओं को भी रकम ट्रांसफर की गई | इसमें वकील कपिल सिब्बल को 77 लाख , वकील इंदिरा जयसिंह को को 4 लाख , दुष्यंत दवे को 11 लाख भेजें गए | यही नहीं PFI से कश्मीर में कार्यरत संगठनों को 1.65 करोड़ों के लेंन देन का खुलासा हुआ है |
इसके अलावा जांच एजेंसियों ने CAA और NRC का विरोध कर रहे अन्य संगठनों को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बैंक खातों से लेन-देन का खुलासा किया है । इसमें बताया गया है कि किन लोगों को PFI के कई बैंक खातों में 24 करोड रूपये ट्रांसफर किये गए | रिपोर्ट मुताबिक CAA के विरोध में आयोजित भारत बंद के दो तीन दिन पहले करोड़ो रुपए PFI के खातों में आये थे |
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि नागरिकता कानून के विरोध में यूपी में हुए हिंसक प्रदर्शनों के पीछे पीएफआई का हाथ है। ऐसी जानकारी गृह मंत्रालय को मिली है। पीएफआई ने 73 बैंक खातों में करीब 120 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की धनशोधन रोकथाम कानून के तहत 2018 से जांच कर रहे ईडी ने पता लगाया है कि संसद में पिछले साल कानून पारित होने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अनेक बैंक खातों में कम से कम 120 करोड़ रुपये जमा किए गए। इन प्रदर्शनों के दौरान करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी। सूत्रों ने बताया कि ईडी को पता चला है कि बैंक खातों में जमा किया गया धन कुछ विदेशी स्रोतों से भी आया और कुछ निवेश कंपनियों के खातों में भेजा गया।
सीएए के खिलाफ हो
रहे प्रदर्शनों को लेकर केन्द्र सरकार ने बहुत बड़ा खुलासा किया है, गृहमंत्रालय की रिपोर्ट में प्रदर्शन के पीछे
पीएफआई का हाथ होने के सबूत मिले हैं। वर्तन निदेशालय (ईडी) को पता चला है कि
उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हाल ही में हुए हिंसक
प्रदर्शनों का केरल के संगठन पीएफआई के साथ आर्थिक लेन-देन था।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर किसी खास दिन कोई संदिग्ध लेनदेन हुआ है तो यह संदेह पैदा होता है कि वो विरोध अपने आप नहीं हुआ था।’ उधर पीएफआई ने उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसा फैलाने के लिए 120 करोड़ रुपये देने के आरोपों से इनकार किया है। बहरहाल माना जा रहा है कि आने वाले दिनों CAA और NRC का विरोध कर रहे कई महत्वपूर्ण चेहरे बेनकाब हो सकते है |