मध्यप्रदेश में मजदूरों का आतंक, दतिया में सिंध नदी में कूद कर जान देने की धमकी के बाद अफसरों ने खोला रास्ता, जोर जबर्दस्ती जिले की सीमा खुलवाकर अगले पड़ाव की ओर बढे  हजारो मजदूर  

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दतिया वेब डेस्क / मध्यप्रदेश के दतिया में उस समय हालात नाजुक बन गये जब दतिया जिले की सीमा पर स्थित सिंध नदी में सैकड़ों मजदूरों ने कूद कर जान देने की धमकी दे दी | ये मजदूर अपने घरों की ओर जाने की ज़िद पर अड़े हुए थे | प्रशासन ने इन्हे खाने पीने और ठहरने के बंदोबस्त की जानकारी दी | उनसे लॉक डाउन ना तोड़ने की गुहार लगाई | लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ | ये मजदूर जान देने की धमकी देने लगे | आखिर कर प्रशासन को इनके आगे झुकना पड़ा | 

दिल्ली और अन्य राज्यों के मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए मध्यप्रदेश शासन ने दतिया से जुड़ी तमाम जिलों की सीमाओं को लॉक कर दिया है | सीमा लॉक के आदेश के बाद शहर में हजारों मजदूरों से भरे वाहन को सिंध नदी के पास दतिया प्रशासन अपने जिले की सीमा में घुसने से रोक दिया। जिसके चलते सिंध पुल के हजारों मजदूरों से भरे कई वाहन रुक गए। सूचना मिलते ही डबरा प्रशासन मौके पर पहुंच गया और मजदूरों को डबरा में ही रुकने के लिए निर्देशित किया | लेकिन मजदूर यहाँ रुकने के लिए तैयार नहीं थे। मजदूरों और प्रशासन के बीच लॉक डाउन तोड़ने को लेकर विवाद की स्थिति बन गई | आखिरकार मजदूरों की ज़िद के आगे प्रशासन ने घुटने टेक दिए | 

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दतिया के एसपी अमन सिंह राठौर और एसडीएम जयति सिंह ने मजदूरों से चर्चा कर उन्हें मनाने की भरपूर कोशिश की | आखिरकार उन्हें मजदूरों की सुननी पड़ी | चर्चा के बाद कुछ वाहनों को उनके अगले पड़ाव पर निकाला गया, शेष मजदूरों को डबरा में ही रोककर उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई।

दिल्ली और अन्य राज्यों से पैदल और लोडिंग वाहनों से आने वाले मजदूर जैसे ही शहर से बाहर निकले सिंध नदी के पुल के पास दतिया जिले के प्रशासन ने उनको रोक दिया और अपनी सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया। करीब 5 हजार से अधिक मजदूर ट्रक, मेटाडोर, बस और पैदल जाने वाले सिंध नदी के पुल के पास रुक गए, मजदूरों का कहना था या तो उन्हें जाने दिया जाए, अन्यथा वो नदी में ही कूद जाएंगे। जो मजदूर प्रशासन के कहने पर डबरा में ही रुकने के लिए तैयार हो गए, प्रशासन ने उनकी सेंटपीटर्स स्कूल के पास,केंद्रीय स्कूल और कृषि उपज मंडी में व्यवस्था करने के लिए कहा।

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सिंध नदी के पुल पर मजदूरों की रुकने सूचना मिलते ही राहत कार्य कर रहे समाजसेवी पुल पर पहुंच गए और मजदूरों को खाने-पीने के पैकेट, बिस्किट और पानी की व्यवस्था की। इसके साथ ही हाईवे पर कई जगह पैदल जाने वाले मजदूरों के लिए ग्रामीण भी पानी की व्यवस्था करते देखे गए। मजदूरों को खाना के पैकेट बांटने के लिए सिख समाज के लोग आगे आए और मजदूरों के लिए व्यवस्था की। इसी तरह अन्य लोग भी पलायन कर रहे लोगों को भोजन दे रहे हैं।