इजरायल और भारत के बीच कूटनीतिक तनाव तब बढ़ गया जब इजरायल के राजदूत रूवेन अज़ार ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के एक बयान की कड़ी निंदा की। प्रियंका ने गाजा में अलजज़ीरा के पांच पत्रकारों की मौत को “कोल्ड ब्लडेड मर्डर” करार देते हुए इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया था। इस पर अज़ार ने उनके दावों को भ्रामक बताया और इजरायल की कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ जरूरी कदम ठहराया।
इजरायल का पक्ष और हमास पर आरोप
रूवेन अज़ार ने कहा कि इजरायल ने गाजा में 25,000 हमास आतंकवादियों को निशाना बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हमास नागरिकों को ढाल बनाकर इस्तेमाल करता है और उन्हें बाहर निकलने या मदद लेने से रोकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमास रॉकेट हमले करता है, जिससे आम लोगों की जान जोखिम में रहती है। अज़ार ने प्रियंका गांधी के बयान को तथ्यों से परे और भ्रामक करार दिया।
इजरायल की मानवीय सहायता का दावा
अज़ार ने बताया कि इजरायल ने गाजा में 20 लाख टन भोजन की आपूर्ति की है, लेकिन हमास इसे रोकता है जिससे भुखमरी की स्थिति बनती है। उन्होंने गाजा की आबादी में 450% वृद्धि का हवाला देते हुए नरसंहार के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने हमास के आंकड़ों पर भरोसा न करने की सलाह भी दी।
प्रियंका गांधी का आरोप और सरकार की चुप्पी पर निशाना
प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर इजरायल पर गाजा में 60,000 से अधिक लोगों की हत्या का आरोप लगाया, जिनमें 18,430 बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने इजरायल पर भुखमरी फैलाने और लाखों लोगों को खतरे में डालने का भी इल्ज़ाम लगाया। साथ ही उन्होंने पत्रकारों की हत्या को जघन्य अपराध बताते हुए भारत सरकार की चुप्पी को शर्मनाक कहा और इसे इजरायल के अपराधों में सहमति माना।
