रिपोर्टर – मनोज सागर
भोपाल / मध्य प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी भी पटरी नहीं बैठ पा रही है | इसके चलते संगठन में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है , कांग्रेस के भीतर फिर गुटबाजी हावी है | लगता है धीरे धीरे सिंधिया और कमलनाथ के बीच कुछ मतभेद बढ़ चले है | एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ के तेवरों से बवाल खड़ा होने के आसार बन गए है | लगता है , कमलनाथ के इस बयान से सिंधिया गुट में तनातनी बढ़ने के आसार है |
हाल ही में टीकमगढ़ की एक सभा में सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों से कहा था कि हमारी सरकार यदि वचनपत्र में दिए वचनों को पूरा नहीं करेगी तो वो भी अतिथि शिक्षकों के साथ सड़क पर उतरेंगे , और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे | सभा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, ‘अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं | आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थी | मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है.’ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा, अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंश पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना | आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा | सरकार अभी बनी है, एक साल हुआ है | थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा | बारी हमारी आएगी, ये विश्वास मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आए तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपका तलवार भी मैं बनूंगा |’
शनिवार को भोपाल में पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो कमलनाथ ने गुस्से में दो टूक जवाब देते हुए कहा कि ‘तो वो उतर जाएं’| दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार की वापसी 15 सालों के वनवास के बाद बड़ी मुश्किल से हो पाई है | राज्य में कांग्रेस को चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला है , बावजूद इसके पार्टी ने सपा, बसपा और निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली | ज्योतिरादित्य सिंधिया की दावेदारी के बावजूद वरिष्ठ नेता कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री भी बना दिया गया | इसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर तनातनी शुरू हो गई है |
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात की थी | सूत्र बता रहे है कि इस मुलाकात के दौरान कमलनाथ ने कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से राज्य सरकार पर किए गए ताजा हमले को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी |
दरअसल, इसके पहले भी ज्योतिरादित्य सिंधिया कई बार अपने बागी तेवर दिखा चुके हैं | मुद्दा कर्जमाफी ना होने की हो या बाढ़ राहत सर्वे और उसकी राशि मिलने में हो रही देरी की हो, सिंधिया ने सार्वजनिक रूप से सरकार के कामकाज पर उंगली खड़ी की थी | माना जाता है कि विधानसभा चुनाव में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धुंआधार प्रचार किया तब माना जा रहा था कि सरकार बनने पर कांग्रेस सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ | तब से ही माना जा रहा है कि सिंधिया कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज हैं | कुछ महीनों पूर्व उन्होंने अपने ट्विटर में कांग्रेस शब्द से ही दूरियां बना ली थी | इस दौरान माना जा रहा था कि जल्द ही उनका पार्टी से नाता भी टूट जायेगा | लेकिन मामला ठंडा हो गया | अब एक बार फिर कमलनाथ कैपं के कड़े तेवरों से लग रहा है कि सिंधिया गुट भी अपनी गर्माहट दिखायेगा |