गर्मी में इस तरह रखें बच्चे का ख्याल, ताकि न हो उन्हें Dehydration, स्वस्थ रहेंगे बच्चे…….

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हर दिन तापमान में बढ़ोतरी के साथ गर्मी में भी इजाफा हो रहा है. ऐसे में खुद के साथ ही बच्चों को गर्मी से सुरक्षित रखना बहुत जरूरी हो गया है. अधिक गर्मी में बच्चों को Dehydration जैसी समस्याएं होने की संभावना ज्यादा रहती है. इस साल ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले साल की तुलना में अधिक गर्मी होगी. आइए आज हम आपके साथ 5 ऐसे टिप्स साझा करते हैं, जिन्हें आजमाकर आप बच्चों को गर्मी की लहर में Dehydration से सुरक्षित रख सकते हैं.

बच्चों को हाइड्रेट रखें
गर्मियों में बच्चों को हाइड्रेट रखकर Dehydration और पेट की समस्याओं से बचाने में काफी मदद मिल सकती है. अगर बच्चा 6 महीने से छोटा है तो मां उसकी मांग के अनुसार उसे दूध पिलाती रहें. अगर बच्चा 6 महीने से बड़ा है तो उसे पानी के साथ-साथ फलों का रस या नींबू पानी जैसे पेय पदार्थों का सेवन कराएं. बच्चों को गर्मियों में ठंडे पेय पदार्थ पिलाए जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि वे अधिक ठंडे न हों.

घर के अंदर ही रखें
गर्मी के मौसम में जितना हो सके धूप में निकलने से बचना चाहिए और बच्चों को घर के अंदर ही रखना चाहिए. अगर आपका बच्चा गर्मियों में दोपहर के समय बाहर जाने की जिद करता है तो उसे क्रिएटिव गतिविधियों में व्यस्त रखकर रोकने की कोशिश करें. यह महत्वपूर्ण है कि आप बच्चे को एक हवादार कमरे में रखें, जिससे ताजी हवा पास हो सके. अगर घर का वेंटिलेशन ठीक न हो तो कूलर या AC का इस्तेमाल करें.

बच्चों को कार में न छोड़े
यह आवश्यक है कि आप अपने बच्चे को कुछ मिनटों के लिए भी कार में न छोड़ें. कार के अंदर का तापमान तेजी से बढ़ सकता है और हीटस्ट्रोक का कारण बन सकता है, जो बच्चे के लिए घातक हो सकता है. जब आप कार से बाहर निकलें तो यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा 2 बार जांच करें कि आपका बच्चा आपके साथ है या नहीं.

हल्के फैब्रिक के कपड़े पहनाएं
गर्मियों के दौरान बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाने चाहिए, जिनमें उन्हें आराम और ठंडक महसूस हो. इस मौसम में बच्चों को सूती के ढीले कपड़े पहनाना सही रहता है. सूती कपड़े बच्चों को गर्मी के प्रभाव से बचाने में मदद कर सकते हैं. वहीं बच्चों को हल्के रंग के कपड़े पहनाएं. गहरे रंग के कपड़े गर्मी को अधिक अवशोषित करते हैं, जिसके कारण अधिक गर्मी लगती है.

ऐसा होना चाहिए खान-पान
अगर बच्चा ठोस खाद्य पदार्थ खाने लगा है तो उसे ताजा और पोषक गुणों से भरपूर खाना ही खिलाएं क्योंकि इस मौसम में बच्चों को पेट के संक्रमण की आशंका अधिक रहती है. नवजात या 6-8 महीने के बच्‍चे भूख सहन नहीं कर पाते हैं और रोने लगते हैं, इसलिए उन्हें समय-समय पर मां अपना दूध पिलाती रहें. इसी के साथ बच्‍चे को अधिक चीजें न खिलाएं-पिलाएं और मौसमी चीजों को भी उनकी डाइट का हिस्सा बनाएं.