संभल: संभल बवाल के आरोपियों से जेल में सपाइयों की मुलाकात के खेल में जेल अधीक्षक पीपी सिंह भी फंस गए हैं। डीआईजी जेल की गई जांच में उनकी भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की संभावना व्यक्त की जा रही है। आरोप है कि जेल में अवैध मुलाकात की जानकारी मिलने के बाद भी वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने अधीनस्थों से पूछताछ नहीं की और न ही उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। सोमवार को मुरादाबाद के पूर्व सांसद डाॅ. एसटी हसन, ठाकुरद्वारा के विधायक नवाब जान, नौगांवा सादात के विधायक समरपाल सिंह समेत 15 सपाइयों ने जिला जेल में संभल बवाल के आरोपियों से मुलाकात की थी।
मुलाकात करने के बाद सपाइयों ने बयान दिया तो वह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद शासन तक हड़कंप मच गया था। इस मामले में डीजी जेल के निर्देश पर डीआईजी जेल कुंतल किशोर ने जेल पहुंचकर पूरे मामले की जांच की। जांच में पाया गया कि मुलाकात कराने में जेल नियमों का पालन नहीं किया गया है। जांच में वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह, जेलर विक्रम सिंह यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह की लापरवाही सामने आई । इसके आधार पर जेलर और डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया गया है जबकि वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है।
जांच में पाया गया है कि वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने इतने संवेदनशील मामले में संभल बवाल के आरोपियों से मुलाकात करने वाले जेलर और डिप्टी जेलर के खिलाफ न तो अपने स्तर से कोई जांच पड़ताल कराई और न उच्च अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी। डीआईजी जेल कुंतल किशोर का कहना है कि इस मामले में अब तक जेलर और डिप्टी जेल पर कार्रवाई की जा चुकी है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई शासन स्तर से होगी। जेल में अवैध मुलाकात कराने में दो अफसरों के सस्पेंड होने के बाद यहां कड़ा पहरा कर दिया गया है।
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संभल बवाल के आरोपियों को एकांत बैरक में रखा गया है। इसके अलावा जेल में अन्य बंदियों से मुलाकात करने वाले मुलाकातियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। 24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान बवाल हो गया था। इस मामले में पुलिस ने तीन महिला समेत 27 आरोपी जेल में बंद हैं। सोमवार को सपाइयों ने इनसे मुलाकात की थी। इसके बाद से हड़कंप मचा हुआ है। इसके बाद से जेल के बाहर से लेकर अंदर तक सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है। सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है। बंदियों और कैदियों की दो शिफ्टों में मुलाकात कराई गई। इस दौरान मुलाकात स्थल पर बंदी रक्षक और अधिकारी मौजूद रहे।
इस दौरान एक एक मुलाकाती पर नजर रखी गई कि कोई मुलाकात संभल बवाल के आरोपियों से मुलाकात तो नहीं कर रहा है। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी एक टीम लगातार निगरानी कर दी गई। तीन जगह चेकिंग के बाद ही मुलाकातियों को प्रवेश दिया गया। संभल बवाल के आरोपियों से उनके परिजनों ने बृहस्पतिवार को भी मुलाकात की। उन्होंने ऑनलाइन पर्ची बनाकर जेल नियम के मुताबिक की मुलाकात की है। इस दौरान सभी का डाटा भी रजिस्टर में दर्ज किया गया है। बंदी रक्षक और अधिकारियों ने यह भी देखा कि कोई अन्य व्यक्ति को मुलाकात नहीं कर रहा है।
संभल बवाल के 27 आरोपी जिला जेल में बंद हैं। इनमें से तीन महिलाएं महिला बैरक में हैं जबकि अन्य आरोपी पुरुष बैरक में रखे गए हैं। सोमवार को सपाइयों ने मुलाकात की थी। जांच कर रहे डीआईजी जेल ने उस दिन की फुटेज भी खंगाली। जिसमें देखा गया है कि कितने लोग मुलाकात करने गए थे। सपा के जिला सचिव मुदस्सिर हुसैन का कहना है कि उन्होंने जेल नियम के मुताबिक मुलाकात की थी। इसे मुद्दा बनाया जा रहा है। सात सदस्य जेल में गए थे। जिन्होंने प्रार्थना पत्र देकर मुलाकात की मांग की थी। इसमें एक पूर्व सांसद, दो वर्तमान विधायक भी मौजूद थे। इसके अलावा बाकी कार्यकर्ता जेल से बाहर ही मौजूद रहे थे।