भोपाल / मध्य प्रदेश में 9 मार्च को शुरू हुए सियासी उठापटक का क्लाईमैक्स सोमवार देखने को मिल सकता है । कमलनाथ सरकार को आज विधानसभा में विश्वासमत हासिल करना है । इसे लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है । सस्पेंस इस बात को लेकर है कि क्या आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया होगी या नहीं । दरअसल राज्यपाल लालजी टंडन ने फ्लोर टेस्ट का आदेश जारी कर दिया है । तो वहीं स्पीकर एनपी प्रजापति ने इसे लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं
इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार-सोमवार की दरमियानी रात को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की । राज्यपाल से मुलाकात के बाद कमलनाथ फ्लोर टेस्ट के लिए तो तैयार दिखे, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखते हुए कहा कि पहले उनकी पार्टी के ‘बंधक’ बनाए गए विधायकों को छोड़ा जाए ।
कांग्रेस के 22 विधायकों का बगावत झेल रहे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार को पूरी तरह से सुरक्षित बताया । कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को बताया है कि विधायक स्वतंत्र होकर आएं तो फ्लोर टेस्ट में कोई आपत्ति नहीं है ।
मध्यप्रदेश में फ्लोर टेस्ट पर संशय इसलिए है क्योंकि स्पीकर की ओर से विधानसभा के कार्यक्रम की जो लिस्ट जारी की गई है उसमें राज्यपाल के अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं किया गया है । जबकि राज्यपाल के आदेश के मुताबिक अभिभाषण के बाद विश्वासमत पर वोटिंग होनी थी ।