रायपुर / छत्तीसगढ़ सरकार ने निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता के आधिपत्य वाले ट्रस्ट द्वारा संचालित एमजीएम आई हॉस्पिटल रायपुर को प्रदेश के सरकारी अधिकारी – कर्मचारियों और उनके आश्रित सदस्यों के उपचार के लिए प्रदान की गई मान्यता समाप्त कर दी है | चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी विभाग प्रमुखों, संभागीय कमिश्नरों व जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए है | आदेश के मुताबिक एमजीएम आई हॉस्पिटल रायपुर को प्रदेश के शासकीय सेवको व उनके आश्रित सदस्यों के उपचार के लिए 30 मई 2019 को मान्यता की स्वीकृति प्रदान की गई थी | राज्य शासन ने संदर्भित ज्ञापन के सरल क्रमांक 61 पर उल्लेखित एमजीएम आई हॉस्पिटल जयपुर का नाम विलोपित करते हुए प्रदेश के शासकीय सेवकों व उनके आश्रितों के उपचार के लिए प्रदान की गई मान्यता को समाप्त किया है | सरकारी कर्मियों को अब यहां इलाज कराने पर छूट अथवा लाभ की पात्रता नहीं होगी |
दरअसल MGM अस्पताल में बड़े पैमाने पर सुनियोजित आर्थिक घोटला सामने आया है | बताया जाता है कि यह ट्रस्ट इलाज की आड़ में ब्लैकमनी को वाइट मनी में तब्दील करने में जुटा था | इस ट्रस्ट्र की आर्थिक गतिविधियों की जांच भी की जा रही है | बताया जाता है कि ब्लैकमनी खपाने के लिए इस ट्रस्ट ने रायपुर के स्टेट बैंक में 97 खाते खोले थे | इन खातों में रकम की अफरा-तफरी के बाद धीरे धीरे कुछ खाते बंद भी किये गए थे | यह भी बताया जाता है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने MGM ट्रस्ट के खातों में लगभग तीन करोड़ रूपये की सरकारी रकम आर्थिक सहयोग के रूप में दी थी | इसके अलावा कई और सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों ने लाखों रूपये इस ट्रस्ट के खातों में डाले थे | इस कड़ी में कॉन्कर रेलवे के चेयरमेन ने भी रकम जमा कराई थी | इस रकम का लाभ ना तो मरीजों को हुआ और ना ही आम जनता को | सरकारी एजेंसियां इस मनी लॉन्ड्रिंग सेंटर की जांच में जुटी है |