नई दिल्ली : News Today : देशभर के कई राज्यों में रामनवमी के अवसर पर निकली शोभायात्रा के दौरान हुए दंगों से जुड़े मामले की जांच को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर 17 अप्रैल को सुनवाई तय की है.
दरअसल पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और गुजरात में 30 मार्च को रामनवमी के दिन निकाले गए जुलूस के बाद दंगे हुए थे. इसे लेकर हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हिंसा प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिवों से रिपोर्ट तलब करने की मांग की गई है.
हिंसा में शामिल लोगों से हर्जाना वसूलने की मांग
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की इस याचिका में दंगों में घायल हुए लोगों और उनकी संपत्ति को हुए नुकसान का हर्जाना देने और इसके लिए उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हिंसा फैलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल लोगों से हर्जाना वसूल किए जाने की गई है.
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के जरिये दायर इस याचिका में कहा गया है, ‘इस वर्ष रामनवमी के अवसर पर, मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा हावड़ा, उत्तर दिनाजपुर (पश्चिम बंगाल), सासाराम और नालंदा (बिहार), हैदराबाद (तेलंगाना), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), वडोदरा (गुजरात), जमशेदपुर (झारखंड) समेत देश के विभिन्न हिस्सों में पूर्व नियोजित तरीके से बड़े पैमाने पर हिंसा की गई है.’
उन्होंने अपनी याचिका में यह भी मांग की है कि राज्य सरकारों को ये निर्देश दिया जाए कि किसी भी इलाके को सिर्फ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बताकर हिन्दुओं की शोभायात्राओं और जुलूसों को अनुमति देने से ना रोका जाए.