शाहीन बाग में बच्चे की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान, सोमवार को होगी सुनवाई

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दिल्ली वेब डेस्क / दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले करीब 50 दिनों से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है | इस बीच प्रदर्शन में एक चार महीने की बच्चे की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है | सोमवार को कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा | 

दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान चार माह के बच्चे की मौत के बाद इस मामले में बहादुरी पुरस्कार से अलंकृत छात्रा जेन गुणरत्न सदावर्ते ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्ठी लिखी थी | छात्रा जेन गुणरत्न सदावर्ते ने सुप्रीम कोर्ट को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा कि इस तरह के धरने प्रदर्शन में बच्चों को शामिल करने की इजाजत न दी जाए | यह अबोध मासूम बच्चों के जीवन के अधिकार का हनन है | भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में गाइडलाइन बनाए | 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शाहीन बाग में शिशु की मौत के मद्देनजर आंदोलन में नाबालिगों की भागीदारी रोकने के लिए स्वत: संज्ञान लिया। बता दें कि शाहीन बाग में पिछले साल 15 दिसंबर से नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। इसी दौरान ठंड के कारण 4 महीने के एक बच्चे की मौत हो गई थी। याचिकाकर्ता अमित साहनी इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग कर चुके हैं। हालांकि, कोर्ट ने बिना किसी औपचारिक आदेश के अधिकारियों से इस मामले को देखने के लिए कहा था। इसके बाद साहनी अपनी याचिका लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।

साहनी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दिल्ली-नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ने वाले कालिंदी कुंज-मथुरा रोड क्षेत्र में ब्लॉकेड की वजह से स्थितियां बिगड़ रही हैं। इसकी वजह से डीएनडी फ्लाईओवर पर ट्रैफिक बढ़ रहा है, इसे कम करना होगा। साहनी ने कहा कि शाहीन बाग के आसपास रहने वाले लोगों को सड़क बंद होने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ ओखला के शाहीन बाग इलाके में 15 दिसंबर से महिलाओं और बच्चों समेत हजारों लोग धरने पर बैठे हैं। 2 फरवरी को पहली बार शाहीन बाग के धरनों के विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किए। इनकी मांग थी कि धरने पर बैठे लोगों ने नोएडा और कालिंदी कुंज को जोड़ने वाली सड़क पर कब्जा कर रखा है। इसकी वजह से लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।