पटना / बिहार में पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने एक जज पर हमला कर दिया था | जज साहब ने हाल ही में किसी मामले को लेकर सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों के खिलाफ फैसला सुनाया था | इससे भड़के पुलिस कर्मियों ने औरंगाबाद के जिला जज दिनेश प्रधान पर हमला बोल दिया था | इस मामले में एक वकील ने जनहित याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी | इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के नाम बताने के लिए प्रशासन को कहा है। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अजय रस्तोगी ने मामले की अगली सुनवाई में इन नामों को भेजने के स्पष्ट निर्देश दिए है |
इस मामले में न्यूज़ टुडे से चर्चा करते हुए याचिका कर्ता अधिवक्ता विशाल तिवारी ने बताया कि औरंगाबाद के जिला जज दिनेश प्रधान द्वारा किसी मामले में दिए आदेश के बाद कुछ पुलिसवालों पर कार्रवाई हुई थी। इससे नाराज बिहार पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर और कुछ सीआरपीएफ जवानों ने 21 अक्तूबर को उन पर हमला किया था।
ये भी पढ़े :सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल , आज भी देश में सरकारी अस्पतालों के रख रखाव और सुरक्षा के दावे फिस्सडी , इस अस्पताल में स्ट्रेचर पर रखे बच्ची के शव को कुत्तों ने नोच डाला , अस्पताल प्रशासन बेखबर , देखे वायरल वीडियों
याचिका कर्ता ने कहा कि इस हमले को लेकर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की | इसके चलते उन्होंने बिहार पुलिस के डीजीपी और औरंगाबाद एसपी पर भी कार्रवाई की मांग सुप्रीम कोर्ट से की है | उन्होंने बताया कि हमलावर पुलिसकर्मियों पर एफआईआर तक नहीं की गई | उन्होंने सभी राज्य सरकारों को जजों की सुरक्षा के लिए निर्देश देने की मांग भी की है | उन्होंने कहा कि लोगों के मन में यह बात नहीं आनी चाहिए कि अगर एक जज पुलिस के अत्याचारों से सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी की क्या बिसात है? उन्होंने मामले की जाँच में कोताही बरतने का आरोप भी पुलिस पर लगाया | फ़िलहाल मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी |