सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (25 अगस्त 2025) को चुनाव विशेषज्ञ संजय कुमार के खिलाफ दर्ज FIR पर रोक लगा दी है। यह मामला महाराष्ट्र की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर नाम जोड़ने और हटाने के कथित दावों से जुड़ा है। संजय कुमार ने इन दावों पर माफी मांग ली थी, जिसके बाद विवाद और गहरा गया था।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ के सामने संजय कुमार के वकील ने कहा कि उन्होंने 30 वर्षों तक देश और विदेश में चुनावी विश्लेषण के क्षेत्र में ईमानदारी से सेवा की है। यह एक गलती थी और उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगकर पोस्ट हटा दी। कोर्ट ने दलीलों को सुनने के बाद कार्यवाही पर रोक लगा दी।
मतदाता सूची को लेकर विवाद
दिल्ली स्थित सेंटर फॉर स्टडीज फॉर डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) से जुड़े संजय कुमार ने दावा किया था कि नासिक पश्चिम और हिंगना विधानसभा सीटों पर मतदाताओं की संख्या क्रमशः 47% और 43% बढ़ी है, जबकि रामटेक और देवलाली सीटों पर क्रमशः 38% और 36% की कमी दर्ज की गई है।
कांग्रेस ने इन आंकड़ों के आधार पर भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। हालांकि, बाद में संजय कुमार ने गलती स्वीकार करते हुए ट्वीट डिलीट कर माफी मांग ली। उन्होंने लिखा कि उनकी टीम ने डेटा पढ़ने में त्रुटि की और उनका किसी तरह की गलत सूचना फैलाने का इरादा नहीं था।
कांग्रेस बनाम BJP की जुबानी जंग
संजय कुमार की माफी के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया। बीजेपी आईटी प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस गलत आंकड़ों के आधार पर चुनाव आयोग पर हमला कर रही थी। अब जबकि CSDS ने गलती स्वीकार कर ली है, कांग्रेस को जनता से माफी मांगनी चाहिए।
महाराष्ट्र में नागपुर और नासिक पुलिस ने संजय कुमार के खिलाफ गलत सूचना फैलाने और चुनाव नियमों के उल्लंघन के तहत FIR दर्ज की थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से मामले ने नया मोड़ ले लिया है।
