नई दिल्ली।
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर की गई कथित टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि “अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप इस तरह की बातें नहीं कहेंगे।” यह टिप्पणी 2022 में भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प के बाद राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान को लेकर की गई थी।
दरअसल, राहुल गांधी ने अपनी 2023 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दावा किया था कि एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने उन्हें बताया कि चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसी बयान को लेकर उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज हुआ था, जिसे राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से कड़े शब्दों में पूछा, “आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2,000 किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है?” साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि आप विपक्ष के नेता हैं, अपनी बात संसद में कहिए, सोशल मीडिया पर नहीं।
अदालत ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस भी जारी किया है।
क्या है मामला?
9 दिसंबर, 2022 को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दावा किया कि चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सेना के एक रिटायर्ड अधिकारी ने उन्हें यह जानकारी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के मायने:
सुप्रीम कोर्ट की ओर से आया यह बयान न केवल राहुल गांधी की टिप्पणी की गंभीरता को रेखांकित करता है, बल्कि सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीतिक नेताओं की जिम्मेदारी को भी दर्शाता है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह के बयानों से जनता में भ्रम और सेना के मनोबल पर असर पड़ सकता है।
राजनीतिक हलकों में हलचल:
कोर्ट की इस फटकार के बाद सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है। बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा है कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों पर जिम्मेदारी से बयान देना चाहिए। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इस मामले पर फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस मामले की अगली सुनवाई में कोर्ट यह तय करेगा कि राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज मानहानि के केस में कितनी वैधानिकता है और क्या उनकी टिप्पणी ‘जनहित’ में कही गई थी या नहीं।
