राहुल गांधी सेना विवाद एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नेता विपक्ष राहुल गांधी को भारतीय सेना पर कथित मानहानिक टिप्पणी के लिए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने साफ कहा, “एक सच्चा भारतीय ऐसा बयान नहीं देगा जिससे सेना का मनोबल टूटे।”
यह फटकार उस वक्त आई जब राहुल गांधी ने अपने एक बयान में कहा था कि “चीन ने भारत की 2,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है और अरुणाचल में हमारे सैनिकों को पीटा गया।” सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा – “आपको यह जानकारी कैसे मिली?”
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल उनके खिलाफ चल रहे मानहानि मामले पर रोक लगा दी है, लेकिन सख्त लहजे में सलाह भी दी कि “आप नेता विपक्ष हैं, आपको अपनी संवैधानिक भूमिका की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।” कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि इस तरह के गंभीर मुद्दे सोशल मीडिया के बजाय संसद में उठाए जाने चाहिए।
राहुल गांधी ने यह बयान भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिया था, जिससे जुड़ी शिकायत में कहा गया कि यह भारतीय सेना का अपमान है और उनके मनोबल को ठेस पहुंची है। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल की याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट का रुख साफ है – नेता विपक्ष जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को वक्तव्य देने में सतर्क रहना चाहिए और देशहित को सर्वोपरि रखना चाहिए। यह मामला राहुल गांधी के लिए एक सख्त चेतावनी है कि राजनीतिक बयानबाजी की एक सीमा होती है, खासकर जब मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना की प्रतिष्ठा से जुड़ा हो।
