किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार , पूछा-कृषि कानूनों पर आप रोक लगाएंगे या हम , सरकार के रुख से कोर्ट निराश, जानिए सुनवाई की 10 बड़ी बातें  

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नई दिल्ली / किसान आंदोलन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाई। आंदोलन का हल न निकालने पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार से पूछा कि वह कानूनों पर रोक क्यों नहीं लगाती? किसान आंदोलन समाप्त कराने के लिए सरकार ने जो कुछ किया है, उस पर कोर्ट ने निराशा जताई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान ऐसे हालात बने हैं जिससे किसी दिन कोई घटना हो सकती है। कोर्ट ने कहा है कि हम किसी को प्रदर्शन करने से रोक नहीं सकते। अदालत ने सरकार से मुख्य बिंदुओं पर बात करने के लिए कहा है। 

‘हम अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ नहीं’
सरकार के रवैये पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि‘हम अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ नहीं हैं, आप बताएं कि सरकार कृषि कानून पर रोक लगाएगी या हम लगाएं।’ कोर्ट ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से कहा, ‘आपको भरोसा हो या नहीं, हम भारत की शीर्ष अदालत हैं, हम अपना काम करेंगे। हमें नहीं पता कि लोग सामाजिक दूरी के नियम का पालन कर रहे हैं कि नहीं लेकिन हमें उनके (किसानों) भोजन पानी की चिंता है।’

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की 10 बड़ी

बातें 1- पीठ ने कहा, ”हमारे समक्ष एक भी ऐसी याचिका दायर नहीं की गई, जिसमें कहा गया हो कि ये तीन कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं.” सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर समिति की आवश्यकता को दोहराया और कहा कि अगर समिति ने सुझाव दिया तो, वह इसके क्रियान्वयन पर रोक लगा देगा. उसने केन्द्र से कहा, ”हम अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ नहीं हैं; आप बताएं कि सरकार कृषि कानूनों पर रोक लगाएगी या हम लगाएं?”

2- अटॉर्नी जनरल केके. वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत से कहा कि किसी कानून पर तब तक रोक नहीं लगाई जा सकती, जब तक वह मौलिक अधिकारों या संवैधानिक योजनाओं का उल्लंघन ना करे. कोर्ट ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों से कहा, ”आपको भरोसा हो या नहीं, हम भारत की शीर्ष अदालत हैं, हम अपना काम करेंगे.”

3- सीजेआई ने कहा, हम बहुत निराश हैं. पता नहीं सरकार कैसे मसले को डील कर रही गया? किससे चर्चा किया कानून बनाने से पहले? कई बार से कह रहे हैं कि बात हो रही है. क्या बात हो रही है? इसपर एटॉर्नी जनरल ने कहा कि कानून से पहले एक्सपर्ट कमिटी बनी. कई लोगों से चर्चा की. पहले की सरकारें भी इस दिशा में कोशिश कर रही हैं.

4- चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर हम कानून का अमल रोक देते हैं तो फिलहाल आंदोलन करने जैसा कुछ नहीं होगा. आप लोगों को समझा कर वापस भेजिए. सबका दिल्ली में स्वागत है. लेकिन लाखों लोग आए तो कानून व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ेगी. कोरोना का खतरा है. महिलाओं, वृद्धों और बच्चों को आंदोलन से अलग करना चाहिए. उन्हें वापस भेजना चाहिए.

5- कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आप हल नहीं निकाल पा रहे हैं. लोग मर रहे हैं. आत्महत्या कर रहे हैं. हम नहीं जानते क्यों महिलाओं और वृद्धों को भी बैठा रखा है खैर, हम कमिटी बनाने जा रहे हैं. किसी को इस पर कहना है तो कहे.

6- एटॉर्नी जनरल ने कहा कि 26 जनवरी को राजपथ पर 2000 ट्रैक्टर दौड़ाने की बात कहीं जा रही है | इसपर किसान संगठनों के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि हम ऐसा नहीं करेंगे कोर्ट ने इस पर खुशी जाहिर की तो वहीं एटॉर्नी जनरल ने हलफनामा मांग लिया |

7- दुष्यंत दवे ने कहा कि पंजाब के किसान संगठन कभी भी गणतंत्र दिवस परेड को बाधित नहीं करना चाहेंगे. हर परिवार से लोग सेना में हैं. हमें रामलीला मैदान जाने देना चाहिए.

8- चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं रिस्क ले रहा हूं. आप बुजुर्गों को बताइए कि चीफ जस्टिस चाहते हैं कि बुजुर्ग वापस चले जाएं. एटॉर्नी जनरल ने कहा कि कमिटी के सामने भी लोग अड़ियल रुख अपनाएंगे. कहेंगे कि कानून वापस लो.

9- CJI ने कहा कि हमें उनकी समझदारी पर भरोसा है. हम विरोध के लिए वैकल्पिक जगह नहीं दे रहे.

10- चीफ जस्टिस ने कहा कि हम आज की सुनवाई बंद कर रहे हैं. इसपर एटॉर्नी जनरल ने कहा कि जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. CJI ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, हमें जल्दबाजी पर लेक्चर मत दीजिए, हमने बहुत समय दिया है, सॉलिसीटर जनरल ने मांग की कि कोर्ट को आदेश देना चाहिए कि कोई भी गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को बाधित नहीं करेगा. कोर्ट ने कहा, आप इसके लिए हमें अलग से आवेदन दीजिए.

बता दें कि किसानों का प्रदर्शन 47 दिनों से जारी है और किसान लगातार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं | इस बीच सरकार और किसान के बीच 8 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कृषि कानूनों को लेकर कोई समाधान नहीं निकल पाया है | याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा, ‘आप बताइए कि कानून पर रोक लगाएंगे या नहीं | नहीं तो हम लगा देंगे.’ सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एसए बोबडे नाराजगी व्यक्त की और कहा कि ‘जिस तरह से सरकार इस मामले को हैंडल कर रही है, हम उससे खुश नहीं हैं | हमें पता नहीं कि सरकार कैसे मसले को डील कर रही? कानून बनाने से पहले किससे चर्चा किया? कई बार से कह रहे हैं कि बात हो रही है | क्या बात हो रही है?’