सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश- NIA, CBI, ED समेत देश के सभी पुलिस स्टेशनों और पूछताछ वाले कमरों में लगाएं जाएं CCTV, अब पुलिस और CBI नहीं लगा पाएंगी ‘थर्ड डिग्री’, इंटेरोगेशन पर हर वक़्त होगी कैमरे की नज़र

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नई दिल्ली / सुप्रीम कोर्ट ने नया निर्देश जारी किया है | निर्देश के मुताबिक सभी राज्यों को तमाम पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा और ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाना होगा | उच्चतम न्यायालय ने कहा कि संविधान के अनच्छेद 21 के तहत दिए गए जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा के लिए ऐसा किया जा रहा है | नागरिकों को लॉकअप में इंटेरोगेशन के दौरान शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से बचाने के लिए ये फैसला किया गया है |

न्यायमूर्ति रोहिन्टन फली नरिमन, न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक थाने में प्रवेश और निकासी के स्थान, मुख्य प्रवेश द्वार, हवालात, सभी गलियारों, लॉबी, स्वागत कक्ष क्षेत्र और हवालात कक्ष के बाहर के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगे हों | न्यायालय ने कहा कि नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो, राजस्व गुप्तचर निदेशालय और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालयों सहित सभी जांच एजेंसियों के उन सारे कार्यलयों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाए जायें जिनमे पूछताछ होती है और आरोपियों को रखा जाता है |

न्यायालय ने कहा कि सीसीटीवी प्रणाली में नाइट विजन सुविधा के साथ ही ऑडियो और वीडियो की फुटेज की व्यवस्था होनी चाहिए और केंद्र तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ऐसी प्रणाली खरीदना अनिवार्य होगा, जिनमें कम से कम एक साल और इससे ज्यादा समय तक सीसीटीवी कैमरों के आंकड़ों को संग्रहित कर रखने की सुविधा हो |

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दरअसल कोर्ट पंजाब के परमवीर सिंह सैनी की याचिका की सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने पुलिस स्टेशन में पूछताछ की प्रक्रिया की ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग की थी | इसके अलावा साल 2018 में शफी मोहम्मद बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य के मामले में सुनवाई करते हुए तब सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश दिया था | लेकिन कैमरे नहीं लगाए गए. न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन ढाई साल बाद तक नहीं किया गया है | इस काम के लिए राज्यों को फंड देना होगा | इसके अलावा प्रत्येक जिले में मानवाधिकार अदालत स्थापित करने की भी बात कही गई है |