NEET मामले पर ‘सुप्रीम कोर्ट’ का फैसला, कहा- सिर्फ 2 केंद्रों पर धांधली, NTA की खामियों को जल्द दूर करें

0
68

आज सुप्रीम कोर्ट ने NEET पेपर लीक मामले पर अंतिम फैसला सुना दिया। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में केवल पटना और हजारीबाग केंद्रों पर ही धांधली हुई थी। इसमें किसी व्यापक स्तर की धांधली का सबूत नहीं मिला है। इस मामले की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट पर कोर्ट ने कहा कि परीक्षा केंद्र आवंटन प्रणाली में सुधार होना चाहिए।

NEET पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने अंतिम फैसला सुनाया। कोर्ट ने परीक्षा को रद्द नहीं करने की वजह भी स्पष्ट की। कोर्ट ने कहा कि री-एगजाम कराने का आदेश नहीं दिया गया हैं। अगर ऐसा किया जाता तो 20 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स पर पर गंभीर प्रभाव पड़ता।

बता दें केंद्र सरकार ने 22 जून को NTA की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का ऐलान किया था। इस समिति के निदेशक पूर्व ISRO अध्यक्ष के राधाकृष्णन हैं। कोर्ट ने समिति से 8 बिंदुओं पर उत्तर मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्सपर्ट कमेटी को 30 सितंबर तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार की ओरी से की गई गठित कमेटी को परीक्षा प्रणाली की साइबर सुरक्षा में संभावित कमजोरियों की पहचान करनी चाहिए। परीक्षाओं के टेक्निकल एडवांस्मेंट के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया यानी की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) तैयार करनी चाहिए। इसके अलावा, पहचान की जांच करने की प्रकिया में सुधार और परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी निगरानी की मजबूत व्यवस्था करने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतिम आदेश में कहा कि NTA की प्रक्रियाओं में कई खामियां पाई गई हैं। कोर्ट ने कहा कि छात्रों के हित में हम इन खामियों को बर्दाश्त नहीं कर सकते। कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि एक साल के अंदर इन सभी खामियों को दूर किया जाए जिससे भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं हो।

23 जुलाई को कोर्ट ने 40 याचिकाओं की सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि NEET परीक्षा फिर से नहीं होगी। पूरे परीक्षा में धांधली के पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले हैं। जांच के दौरान यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उसे दाखिला नहीं दिया जाएगा।