नई दिल्ली:- महाराष्ट्र विधानसभा से बीजेपी के 12 विधायकों को साल भर के लिए निलंबित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया है.सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों के निलंबन को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि विधायकों का निलंबन सिर्फ उसी सत्र के लिए हो सकता है, जिसमें हंगामा हुआ था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान भी तल्ख टिप्पणी की थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रवि कुमार की बेंच ने कहा था कि ये फैसला लोकतंत्र के लिए खतरा ही नहीं बल्कि तर्कहीन भी है.
इस फैसले से महाराष्ट्र के 12 भाजपा विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 12 विधायकों के निलंबन को रद कर दिया है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों के एक साल के निलंबन को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। बता दें कि पीठासीन अधिकारी के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के आरोप में विधायकों को एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान 12 भाजपा विधायकों को एक साल के लिए निलंबित करने पर सवाल उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि विधायकों को एक साल तक निलंबित करना निष्कासन से भी बदतर है और ये पूरे निर्वाचन क्षेत्र को सजा देना होगा।
गौरतलब है कि निलंबित 12 विधायकों में संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से महाराष्ट्र सरकार और विधानसभा अध्यक्ष को तगड़ा झटका लगा है.