रायपुर / दिल्ली: छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन घोटाले में एक IAS समेत दर्जनभर कारोबारी और अफसर जेल की हवा खा रहे है। वही आबकारी घोटाले में संदेहियों की तलाश जोर-शोर से शुरू हो गई है, ED को लगभग आधा दर्जन ऐसे प्रमुख संदेहियों की तलाश है,जो उसके खिलाफ अदालत में याचिका तो दायर कर रहे है, परन्तु एजेंसी को हकीकत से रूबरू कराने के लिए हाजिर नहीं हो रहे है। इसमें अनिल टुटेजा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
बताया जाता है कि अनिल टुटेजा ढूंढे नहीं मिल रहे है, जबकि उनके पुत्र यश टुटेजा नहीं जानते की उनके पिता आखिर है कहाँ ? टुटेजा को ED लगातार दो बार तलब कर चुकी है, अबकी बार उसने राज्य के चीफ सेक्रेटरी के मार्फ़त टुटेजा की खोज खबर ली है। बताते है कि पखवाड़े भर से ज्यादा हो गया अनिल टुटेजा पूछताछ के लिए भी हाजिर नहीं हो रहे है, लिहाजा उनकी सरगर्मियों से तलाश जारी है।
ED ने अब टुटेजा पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, इसके तहत आबकारी घोटाले में शामिल कई वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ के बाद उनके बयान भी रिकॉर्ड कराए गए है। सूत्र बताते है कि एपी त्रिपाठी और अनिल टुटेजा के अलावा कुछ शराब कारोबारियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
टुटेजा ख़राब स्वास्थय का हवाला देकर पिछली बार ED के चंगुल से बच निकले थे। बताया जाता है कि टुटेजा पर भरोसा करना ED को भारी पड़ गया है। बताते है कि टुटेजा पूछताछ के लिए ED के दफ्तर में इस बार ना तो उपस्थित हो रहा है, और ना ही अपने घर में नजर आ रहा है, लिहाजा उसे समन तामील कराने को लेकर ED ने चीफ सेकेटरी कार्यालय का रुख किया है।
सूत्रों का दावा है कि अबकी बार ED ने चीफ सेक्रेटरी कार्यालय के मार्फ़त अनिल टुटेजा को समन की तामीली का अनुरोध किया है, इसके बाद ED टुटेजा को फरार घोषित कर सकती है। जानकारी के मुताबिक घोटालो में बतौर संदेही यश टुटेजा से ED दो बार पूछताछ कर चुकी है, आगे की विवेचना पिता-पुत्र को एक साथ आमने-सामने बैठा कर लंबित बताई जाती है, टुटेजा से कई मामलों की तस्दीक करनी शेष बताई जाती है।
जानकारी के मुताबिक टुटेजा लम्बे अरसे से नदारद है, उनके सरकारी कार्यस्थल में भी उनकी आमद को लेकर एजेंसियों को दो-चार होना पड़ रहा है, परिजनों को नहीं पता की उन्हें रोता बिलखता छोड़ टुटेजा साहब ने आखिर घर परिवार से दूरियां क्यों बना ली। बताते है कि किसी गैंगस्टर या डॉन की गिरोह में दाखिल होना आसान होता है, लेकिन गिरोह छोड़ के भाग निकलना खतरे से खाली नहीं होता, यही हाल इन दिनों टुटेजा का है। बताते है कि सरकारी मशीनरी में बघेल खानदान के योगदान को लेकर टुटेजा के बयानों की तस्दीक से मामला नए मोड़ पर है।
बताते है कि अनिल टुटेजा की तर्ज पर आबकारी विभाग के कर्ता-धर्ता अरुण पति त्रिपाठी भी नदारद है, शुरुआती पूछताछ में दोनों ने बघेलखण्ड की उस दास्तान को उजागर किया है, जो अब तक कारोबारी अनवर ढेबर के दफ्तर तक ही सीमित थी। फिलहाल, ED एक बड़ी कार्यवाही की ओर बढ़ रही है, शराब कारोबारी टुटेजा- त्रिपाठी के प्राथमिक बयानों के आधार पर चैतन्य, क्षितिज,बबीता के अलावा बघेलखण्ड के अन्य हितग्राहियों की ओर भी अपने कदम बढ़ा रही है।
फ़िलहाल तो भरे-पूरे परिवार को अचानक अलविदा कह देने से परिजन भी निश्चिन्त नजर आ रहे है, उन्हें अब टुटेजा की कोई फ़िक्र नहीं मालूम पड़ता है। दरअसल टुटेजा के लापता होने को लेकर परिजनों की चुप्पी भी चर्चा में है। बताते है कि टुटेजा और एपी त्रिपाठी लेन-देन का ब्यौरा एक प्राइवेट व्यक्ति के साथ साझा करते थे। याचिकाकर्ताओं में शामिल यह शख्स ही बघेलखंड के हितग्राहियों की जेबे गरम किया करता था।
यह भी बताते है कि एपी त्रिपाठी की अलमारी से वो सूची भी मिली है, जिसमे उन मीडिया कर्मियों और उनके संस्थानों का नाम दर्ज है, जिन्हे टुटेजा के निर्देश पर आबकारी विभाग द्वारा मुँह बंद रखने के लिए उपकृत किया जा रहा था। इसमें चर्चित नाम और रकम के साथ प्रदत्त बोतल का भी हिसाब-किताब दर्ज है।