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Big Breaking News Today: छत्तीसगढ़ की सुपर सीएम अभी भी मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ,निलंबित भी नहीं,सच तो बोलो सरकार,देंखे सरकारी फरमान….

रायपुर : छत्तीसगढ़ की सुपर सीएम सौम्या चौरसिया ना तो निलंबित है,और ना ही उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से विदाई दी गई है। ये सरकारी फरमान राज्य की जनता की आंख खोलने वाला है। राज्य सरकार द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जारी फरमान में साफ़ कर दिया गया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय में उपसचिव के पद पर आज दिनांक में भी समाचार लिखे जाने तक सौम्या चौरसिया अपनी कुर्सी पर जमीं हुई है।

सौम्या चौरसिया का निलंबन आदेश मंत्रालय में भी नहीं है,सूचना के अधिकार के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सचिवालय की बानगी इस आदेश को पढ़कर,अच्छे से देखकर लगाईं जा सकती है। यह पहला मौका है,जब छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आधिकारिक रूप से ऐलान किया गया है कि नगर पालिका कर्मी सौम्या चौरसिया कानून से ऊपर है। 

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक सुश्री सौम्या चौरसिया अपर आयुक्त नगर पालिक निगम रायपुर की सेवाएं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से वापस लेते हुए उन्हें अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक उप सचिव के पद पर मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ करता है। बताते है कि भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ 17/12/2018 को ली थी। इसके ठीक तीसरे दिन अर्थात 20/12/2018 को सौम्या चौरसिया ने मुख्यमंत्री निवास में डेरा डाल लिया था।

बताते है कि मुख्यमंत्री सचिवालय नवा रायपुर में स्थित है,लेकिन सीएम की सुश्री सचिवालय में नहीं,बल्कि सीएम हाउस में ही अपना वक्त बिताती थी। पौने पांच सालो में उसने मुख्यमंत्री सचिवालय का मुँह तक नहीं देखा है,यही हाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी है।   

मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सौम्या चौरसिया दोनों ही VIP शख्स है, उनकी आवाजाही प्रोटोकॉल के तहत सुनिश्चित होती है,सरकारी मुलाजिम होने के नाते सौम्या चौरसिया का आधिकारिक ठिकाना भी आदेश में स्पष्ट दर्ज है। इसके बावजूद भी मंत्रालय में आमद दर्ज करने वाले नेताओ और उनके स्टाफ की उपस्थिति संबंधी पूरा लेखा-जोखा मंत्रालय के सुरक्षा अधिकारी के कार्यालय में बतौर रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाता है। प्रदेश का कोई भी नागरिक यह तस्दीक कर सकता है कि पौने पांच साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सौम्या चौरसिया दोनों यदा कदा ही मंत्रालय गए है। 

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री और सुपर मुख्यमंत्री की जुगल जोड़ी अपने अधिकृत कार्यस्थल मंत्रालय में गैर हाजिर रहकर सरकारी वेतनमान,भत्ते और सुख सुविधाओं का उपभोग करते रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी उपसचिव सौम्या चौरसिया की मंत्रालय में उपस्थिति जुम्मा के जुम्मा सात दिन से ज्यादा की नहीं बताई जा रही है। ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि राजनीति की इस नई जोड़ी ने प्रशासनिक मान मर्यादा और सरकारी कायदे कानूनों को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। 

सूत्र तो यह भी दावा करते है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रालय में स्थित अपने कक्ष की साज सज्जा,वास्तु दोष,दुश्मन रक्षा-सुरक्षा और ऐसे ही कई अंधविश्वास पर 2 करोड़ से ज्यादा की सरकारी रकम खर्च कर दी। फिर भी सौम्या चौरसिया के दिल को ठंडक नहीं पहूँची थी। लिहाजा दोनों ने मंत्रालय से ही किनारा करने का फैसला लिया था।

बताते है कि बिलासपुर के एक तांत्रिक के बहकावे में आकर छत्तीसगढ़ शासन के मंत्रालय से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गायब हो गए। मंत्रालय के कर्मियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सिर्फ कागजो में नजर आते थे। या फिर आसमान में उड़ान भरते और फुर्सत पाते ही जमीन में उतर कर सीधे अपने बंगले का रुख करते। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इर्द गिर्द मंडराने वाली टोली साफ़तौर पर तस्दीक करती है कि आसमान में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर ATC के संपर्क में रहता है,जबकि मुख्यमंत्री मोबाईल की उच्चतम तकनीक फेसटाइम समेत अन्य संचार माध्यमो के जरिए सीएम हाउस में विराजमान भ्रष्टाचार की मूर्ति सौम्या चौरसिया के संपर्क में रहते है।

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गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने बिलासपुर में अपनी जनसभा में मुख्यमंत्री बघेल से सौम्या चौरसिया के जलवे को लेकर सवाल भी पूछा था। लेकिन मुख्यमंत्री असलियत बयां करने के बजाए न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ के कैमरे पर मुँह छिपाते, कन्नी काटते,भागते हुए नजर आए थे। इस वीडियो को देखकर आप अंदाज़ा लगा सकते है कि एक महिला कर्मी मुख्यमंत्री पर किस हद तक भारी गुजर रही है,सीएम बघेल की दुखती रग का लुत्फ़ आप भी उठा सकते है। देंखे वीडियो,क्लिक करें यह लिंक,ताकि आप को भी हमारे ताजा लिंक प्राप्त हो सके। 

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त इस जानकारी को गौर से पढ़ें, अंदाज़ा लगाए कि सौम्या चौरसिया ना तो निलंबित है,और ना ही उनके कार्यस्थल में कोई बदलाव किया गया है। अलबत्ता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सौम्या चौरसिया की गिरफ़्तारी के दौरान ट्वीट करके जो अपना दर्द जाहिर किया था,उसकी बानगी भी इस सरकारी पत्र में महसूस की जा सकती है। आवेदक को कंडिका 2 और 3 में साफ़ कर दिया गया है कि उनके द्वारा पूछी गई जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग के कक्ष क्रमांक 4 में भी उपलब्ध नहीं है। बताते है कि इसी कक्ष से सरकारी अफसरों के ट्रांसफर,निलंबन और नियुक्ति आदेश जारी होते है। 

छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण संहिता में सरकारी कर्मियों के हिरासत में जाने और गिरफ़्तारी की अवधि को लेकर निलंबित किए जाने के स्पष्ट प्रावधान है। लेकिन सौम्या चौरसिया पर यह लागू नहीं होते,ऐसे निलंबन आदेश सिर्फ आम कर्मियों पर प्रभावशील किए जाते है। बताते है कि सौम्या चौरसिया के निलंबन का सोशल मीडिया में जारी किया गया एक हिस्सा सरकारी साजिश का ही अंग था। इसका अगला हिस्सा अब तक सामने नहीं आया है। जबकि अभियुक्त सौम्या चौरसिया बीते 6 माह से जेल की हवा खा रही है। 

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न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने सामान्य प्रशासन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी डीडी सिंह से सौम्या चौरसिया की वैधानिक स्थिति को लेकर संपर्क किया गया था। एक अनौपचारिक चर्चा में डीडी सिंह ने भी स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री की उपसचिव का निलंबन आदेश उनके कार्यालय तक भी पहुंचा ही नहीं तो हमारे यहां से उसके जारी होने का सवाल ही नहीं उठता।

उन्होंने सोशल मीडिया में जारी और वायरल हो रहे,आधे अधूरे आदेश को सौम्या चौरसिया का निलंबन आदेश होने से इंकार भी किया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सौम्या चौरसिया और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच प्रशासनिक यारी क्या कुछ ज्यादा ही परवान चढ़ रही है ?

उधर,मुख्यमंत्री बघेल का गोदी मीडिया सौम्या चौरसिया के आधे अधूरे निलंबन आदेश की आधिकारिक पुष्टि करने में ज़रा भी धैर्य बरतता नजर नहीं आया था। बगैर पूर्ण निलंबन आदेश के वो सूचना के अधिकार के इस सच को जनता से छिपाते रहा। उम्मीद की जा रही है कि बघेलखण्ड अपनी राजनैतिक देवी के पूर्ण आदेश को जल्द ही गोदी मीडिया को ही उपलब्ध कराएगा।

फिलहाल सौम्या चौरसिया उपसचिव नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ महतारी का खिताब हासिल करने की ओर अग्रसर है। राज्य की जनता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ऐसे खिताब की परम्परा डालने की इजाजत देगी या नहीं, इसका फैसला इसी साल होने वाले विधान सभा चुनाव में ही हो जाएगा। हालाँकि न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ इन दस्तावेजों की आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है। शिकायतकर्ता द्वारा सत्यप्रमाणिक प्रतिलिपि उपलब्ध कराने पर ही समाचार संकलन किया गया है। बहरहाल सच तो बोलो सरकार…..    

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