रायपुर : छत्तीसगढ़ की चर्चित सुपर CM देश भर में सुर्खियां बटोर रही है। भ्रष्टाचार की इस मूर्ति की पहली झलक लोगो को उस समय देखने मिली थी। जब ED ने उसे धर -दबोच कर अदालत में पेश किया था। इस दौरान वो मुँह में सफ़ेद मास्क लगाए नजर आई थी। इसके बाद दूसरी बार भी सौम्या ने सफ़ेद मास्क लगाकर अपना चेहरा छिपा लिया था। अब उसके चेहरे के साथ -साथ भ्रष्टाचार के दस्तावेजी प्रमाण जब लोगो के सामने आए, तो उन्हें हैरानी हुई।
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अब तक वो सिर्फ जन चर्चाओं में ही उसके किस्से -कहानियां और कार्यप्रणाली समझते आये थे। सोशल साइड में उसकी कई तस्वीरें उस दौर की थी जब करप्शन क्वीन ”फील गुड़” और सत्ता के अहंकार में सरकारी तिजोरी पर हाथ साफ़ कर रही थी। सत्ताधारी दल के कई नेता उसके साथ अपनी सेल्फी लेकर फूले नहीं समाते नजर आते थे। उसकी एक झलक पाकर कई नेता बाग़ -बाग़ हो जाते थे।
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दरअसल सौम्या की लूटमार में हिस्सेदारी और सरकारी नौकरी की आड़ में आर्थिक अपराधों को अंजाम देने वाले कई सरकारी नौकर और कारोबारी उसके साथ वक्त गुजार कर अपना अहोभाग्य समझते थे। यह भी बताते है कि कई मीडिया कर्मी और RTI कार्यकर्ता भी भ्रष्टाचार की मूर्ति की चरण वंदना कर उपकृत होते थे। सौम्या के गिरेबान में ED का हाथ पड़ते ही इस वर्ग की बेचैनी बढ़ गई थी। सौम्या को अदालत में लाते ही यह वर्ग सहानुभूति पूर्वक उनका हाल -चाल लेने दौड़ पड़ता था। भ्रष्टाचार के सौम्य चेहरे पर मास्क लगा होने के चलते उन्हें पूरी झलक नहीं मिल पाती थी। लेकिन अबकी बार उन्होंने राहत की सांस उस वक्त ली जब बगैर मास्क के सौम्या नजर आई।
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उसकी गिरफ़्तारी के बाद पहली बार सौम्या का चेहरा लोगो को साफ़ -साफ़ नजर आया। इस बार उसके चेहरे पर सफ़ेद चोंच वाला मास्क नहीं लगा था। लिहाजा उसका पूरा चेहरा देखकर सौम्या समर्थको की बांछे खेल गई। उसका गुणगान कर वे फूले नहीं समाए। अदालत परिसर में लोगो के बीच उन प्रेस मीडिया कर्मियों की चर्चा खूब रही, जिन्हे मैडम जी का वरदहस्त प्राप्त था। बताते है कि कई कर्मियों को बंद लिफाफा तो कुछ के लिए समाचार पत्र संस्थान ही खरीदने के लिए मैडम ने ब्लैक मनी उपलब्ध कराई थी।
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छत्तीसगढ़ में सौम्या चौरसिया का प्रेस मीडिया नेटवर्क भी काफी तगड़ा बताया जा रहा है। कहते है कि उसने जरुरतमंद मरीजों और गरीबो के बजाय सैकड़ो प्रेस मीडिया कर्मियों को सरकारी तिजोरी से स्वेछा अनुदान मुहैया कराया था। वो भी लाखो में। बताते है कि दरबारी कर्मियों को पत्रकार करार देकर सौम्या ने सरकारी तिजोरी से जमकर धन बहाया। मुख्यमंत्री कार्यालय के तामम अधिकारों को अपने हाथो में लेकर उसने अपात्रों को लाखो की रकम सौप दी। इसमें कई चर्चित प्रेस मीडिया कर्मियों और उनके परिजनों का नाम शामिल है।
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बताते है कि विभिन्न तरह से उपकृत हुए कई प्रेस मीडिया कर्मी सौम्या के ED के हत्थे चढ़ने से बुरी तरह से आहत है। उसकें जेल जाने के अंदेशे के चलते ऐसे कर्मियों की रोजी -रोटी पर संकट आ खड़ा हुआ है।
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बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में पत्रकारों का एक वर्ग हासिये में है, जबकि प्रेस मीडिया कर्मियों का एक बड़ा वर्ग सौम्या की सरपरस्ती में गरीबो का हक़ मारने में जुटा है। इन दिनों दरबारियों की एक फेहरिस्त चर्चा में है। इसमें जरुरत मंद कर्मियों के बजाय उन लोगो का नाम सामने आया है जो सौम्या के साथ करीबी सम्पर्को के जरिये स्वेच्छा अनुदान पाने में कामयाब रहे।
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छत्तीसगढ़ में सौम्या की रखवाली में जुटे लोगो को भले ही उसकी एक झलक से आत्मिक शांति प्राप्त हुई हो। लेकिन उस बड़े वर्ग ने भ्रष्टाचार के सौम्य चेहरे को देखकर अफ़सोस जताया जो सरकारी सरंक्षण में गरीबो के कल्याण में उपयोग आने वाली रकम को अपने अपनी झोली में डाल रही थी। आम जनता और पत्रकारों की बेबसी एवं प्रेस मीडिया कर्मियों के भ्रष्टाचार की खबरों से मुंह फेरने के रुख को देखकर पीड़ित सकते में है।