
सुकमा। बस्तर में अब माओवाद के पांव उखाड़ने लगे है. सरकार ने मार्च 2026 तक नक्लसवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है. नक्सल उन्मूलन अभियान में तेजी लाने और ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए बस्तर में नए सुरक्षा कैंप खोले जा रहे हैं. सुकमा जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र ग्राम “पालागुड़ा एवं गुंडराजगुडेम’ ’में भी पुलिस प्रशासन ने दो नए सुरक्षा कैंप स्थापित किया है. छत्तीसगढ़़ शासन के ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से क्षेत्र के ग्रामीणों को लाभान्वित करने उद्देश्य से यह कैंप खोला गया है. बता दें कि 2024 से अब तक सुकमा जिले में सुरक्षा बलों ने कुल 18 नए कैंपों की स्थापना की है.

भारी मानसून के दौरान एवं कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों ने सभी चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए माओवादियों के कोर जोन क्षेत्र में लगातार एक साथ दोनों ग्रामों में कैंप स्थापित किया है. इससे सिलेगर – एल्मागुंडा एक्सिस सीधा कनेक्ट होगा. सुरक्षा कैंप की स्थापना से क्षेत्र में सुरक्षा वातावरण सुदृढ़ होगा. ग्रामीणों को विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं से सीधे लाभान्वित होने का अवसर प्राप्त होगा.
नए सुरक्षा कैम्पों की स्थापना होने से नक्सल उन्मूलन में तेजी आई है, जिसके फलस्वरूप वर्ष 2024 से अब तक नक्सल विचारधारा को त्यागकर 518 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. वहीं सुरक्षा बलों ने विभिन्न अभियानों में 64 माओवादियों को मार गिराए हैं व 451 माओवादियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है.
बता दें कि वर्ष 2024 से अब तक जिला सुकमा में ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना अंतर्गत कुल 18 नवीन सुरक्षा कैम्प टेकलगुड़ेम, पुवर्ती, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, पुलनपाड़, लखापाल, तुमालपाड़, रायगुडे़म, गोलाकोण्डा, गोमगुड़ा, मेटागुड़ेम , उसकावाया नुलकातोंग, तुमालभट्टी वीरागंगलेर, मैता ,पालागुड़ा, गुंडाराजगुंडेम में स्थापित की गई है.