बिलासपुर के जोगी बंगले में आत्महत्या के मामले ने पकड़ा तूल , चक्का जाम और प्रदर्शन , पीड़ितों ने की उच्चस्तरीय जांच और मुआवजे की मांग , सीनियर-जूनियर जोगी की चुप्पी   

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बिलासपुर/ बिलासपुर में पूर्व मुख्यंमंत्री अजीत जोगी के निवास ‘मरवाही सदन’ में यहां कार्यरत एक कर्मचारी की फांसी लगाकर आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है | पीड़ित परिवार के समर्थन में कई लोगों ने गुरुवार की सुबह इलाके की सड़क जाम कर दी और मुआवजे की मांग को लेकर घंटों प्रदर्शन किया | उसकी संदिग्ध मौत से नाराज ग्रामीणों ने आज सुबह बिलासपुर-कोरबा मार्ग पर सेंदरी में चक्काजाम कर दिया | हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस के हस्तक्षेप के बाद चक्का जाम खुलवाया गया | प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से आत्महत्या के कारणों की गंभीरता से विवेचना कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की | उधर इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी और अमित जोगी की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है |  

बताया जाता है कि संतोष कौशिक नामक कर्मचारी रतनपुर मार्ग पर सेंदरी के पास स्थित रमतला गांव का रहने वाला था | वो मरवाही सदन में बीते चार साल से काम करता था | अचानक उसने बुधवार को दोपहर ‘मरवाही सदन’ में फांसी लगाकर कर आत्महत्या कर ली |  मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिलने से पुलिस के अनुसार खुदकशी की वजह अज्ञात बताई जा रही है | लेकिन मृतक के एक रिश्तेदार का कहना है कि उसके पास आत्महत्या से पहले दोपहर को किसी शख्स का फोन आया था,जिसमे वो कह रहा था कि उस पर चोरी का इल्जाम लगाया जा रहा है |  फ़िलहाल चक्का जाम और प्रदर्शन से साफ है कि अब मामले ने तूल पकड़ लिया है |