नोएडा वेब डेस्क /
नए साल पर छात्रों की मस्ती की पाठशाला शुरू होने से पहले ही संकटो से घिर गई | छात्रों के अरमानों पर उस समय पानी फिर गया जब शरारतपूर्ण तरिके से नोएडा कलेक्टर के नाम से निकाला गया छुट्टी का आदेश जांच के दौरान झूठा साबित हुआ | इस सिलसिले में पुलिस ने दो छात्रों को गिरफ्तार भी किया है | उधर शहर के स्कूलों में छुट्टी को लेकर सोशल मीडिया पर जिलाधिकारी का फर्जी आदेश जारी करने के मामले में गिरफ्तार 12वीं कक्षा के दोनों छात्रों के समर्थन में उनके स्कूल के छात्रों ने डीएम आवास पर धरना दिया तथा हाथ जोड़कर और कान पकड़कर डीएम से माफी मांगते हुए अपने साथियों को छोड़ने की विनती की। दरअसल गिरफ्तारी के बाद जुवेनाइल कोर्ट आरोपी छात्रों को बाल सुधार गृह भेज दिया है |
छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में पहले 100 से अधिक छात्र-छात्राएं कोतवाली सेक्टर 20 पहुंचे। यहां पुलिस ने बताया कि दोनों छात्रों को फेज-टू स्थित बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। इसके बाद सभी छात्र डीएम कैंप ऑफिस पहुंच गए। यहां पर छात्र-छात्राएं अपने कान पकड़कर घंटों बैठे रहे। वे रोते हुए बार-बार कह रहे थे, ‘‘डीएम अंकल खेल-खेल में गलती हो गई, माफ कर दो। आखिर गलती बच्चों से नहीं होगी, तो किससे होगी।’’ पुलिस ने उन्हें बताया कि उनके दोनों साथियों पर मामला दर्ज कर उन्हें बाल सुधार गृह भेजा जा चुका है। अब इस मामले में कुछ भी नहीं हो सकता है, लेकिन छात्र डीएम से मिलने पर अड़े रहे। छात्रों ने कहा कि दोनों से गलती हुई है। दोनों कोई पेशेवर अपराधी नहीं हैं। दोनों पढ़ने लिखने वाले शांतिप्रिय बच्चे हैं धरना दे रहे छात्र छात्राओं को कहते सुना गया, ‘‘ डीएम अंकल ने दोनों का भविष्य खराब कर दिया।’’
स्कूलों में छुट्टी को लेकर डीएम का फर्जी आदेश जारी करने वाले 12वीं के दो छात्रों ने मौज-मस्ती करने के लिए डीएम के पुराने आदेश पत्र के साथ ऐप के माध्यम से छेड़छाड़ की थी | एसएसपी के आदेश पर कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो पूरे मसले पर से पर्दा उठ गया | कोतवाली सेक्टर 20 पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर दोनों छात्रों को जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में पेश किया |
बताया जाता है कि गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह का एक आदेश पत्र सोशल पर वायरल हुआ था | इसमें यह कहा गया था की सर्दी के कारण 23 और 24 दिसंबर को 12वीं तक के स्कूल बंद रहेंगे | डीएम का यह कथित आदेश जब प्राचार्यों के अलावा प्रशासनिक अधिकारीयों तक पहुंचा तो पता चला की यह आदेश फर्जी है | लेकिन जब तक कई स्कूलों में छुट्टी हो गई | फर्जी आदेश के पालन की खबर के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया | सोशल मिडिया पर डीएम ने खुद इस बात को गलत बताया | इसके बाद डीएम ने इसकी जानकारी एसएसपी को दी |
मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस उस समय हैरत में पड़ गई जब उसे पता पड़ा कि 23 और 24 दिसंबर की तिथि को छुट्टी वाला आदेश एक ऐप के माध्यम से एडिट किया गया था | एसएसपी ने इस मामले में जाँच के आदेश दिए | एसएसपी वैभव कृष्णा ने बताया कि जब इस मामल की जांच की गई तो यह पूरा प्रकरण फर्जी पाया गया | जिलाधिकारी ने इस तरह के कोई आदेश जारी नहीं किये थे | इस मामले की जांच के बाद 12वीं में पढ़ने वाले 2 छात्रों को गिरफ्तार किया है | यह दोनों छात्र सेक्टर 12 के एक स्कूल में पढ़ते है | छात्रों ने मौज-मस्ती के लिए यह खुराफात की और डीएम के पुराने आदेश को कॉपी कर एक ऐप के माध्यम से तिथि में बदलाव किया | इसके बाद 23 और 24 दिसंबर की तिथि को ऐप के माध्यम से एडिट किया | इस गलत आदेश को छात्रों ने अपने स्कूल के व्हाट्सप्प ग्रुप पर डाल दिया | इसके बाद यह फर्जी आदेश वायरल हो गया | गिरफ्तार छात्रों से पूछताछ में पता चला कि यह मौज-मस्ती करने के लिए 2 दिन छुट्टी चाहते थे, इस कारण ऐप के माध्यम से तिथि बदल कर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया | यह मामला बिल्कुल गलत है और जिलाधिकारी के लेटर पैड के साथ छेड़खानी करना गैर संवैधानिक है | इस कारण दोनों छात्रों को गिरफ्तार किया गया |