Site icon News Today Chhattisgarh

अजब- गजब मामला : जिंदा व्यक्ति का कराया पंचनामा, जिसके पोस्टमार्टम की थी तैयारी, वह चाय की चुस्की लेते हुये मिला चौराहे पर, पुलिस महकमे में मचा हड़कंप  

देवरिया / उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक अजब-गजब खबर मामला सामने आया है। यहां सलेमपुर कोतवाली में सड़क हादसे में मरे एक व्यक्ति की शिनाख्त जिंदा व्यक्ति के नाम पर करते हुए आनन-फानन में पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।जिसका शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था, वह चौराहे पर चाय पीता हुआ मिला तो हर कोई हैरान रह गया और आनन-फानन में परिवार तक यह खबर पहुंचाई गई तो वो भी हैरान रह गए। इसके बाद पुलिस प्रशासन को भी जैसे ही यह खबर मिली तो वहां पुलिस महकमे में हडकंप मच गया और फिर पुलिस भी मौके पर पहुंची। इसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया रोकते हुए शव को अज्ञात में मोर्चरी में रखवा दिया गया।

जानकारी के मुताबिक सलेमपुर कोतवाली क्षेत्र के नवलपुर-भागलपुर मार्ग पर शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे अज्ञात वाहन ने 55 वर्षीय एक व्यक्ति को रौंद दिया। इसके बाद नजदीक में रहने वाले लोगों ने शख्स को सलेमपुर पहुंचाया तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मृतक की शिनाख्त करने की कोशिश की। इसके बाद मईल थाना क्षेत्र के श्रीनगर गांव के रहने वाले रविंद्र परिवार के साथ अस्पताल पहुचे तो उन्होंने मृतक के कपड़े देखकर मृतक की पहचान अपने पिता फुलेसर राजभर के रूप में की। इसके बाद फुलेसर के घर में कोहराम मच गया।

उधर पुलिस ने शव का पंचनामा कर इसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। लेकिन इस बीच किसी ने सूचना दी कि जिस शख्स (फुलेसर) का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है वो तो श्रीनगर गांव के एक चौराहे पर चाय पी रहा है। इसके बाद फुलेसर के परिजनों को इसकी सूचना दी गई और गांव का एक युवक फुलेसर को बाइक पर बैठाकर खुद उसके घर पहुंचा। जैसे ही वहां मौजूद लोगों ने फुलेसर को जिंदा देखा तो हर कोई हैरान रह गया और जिस घर में मातम मन रहा था वहां खुशियों की लहर दौड़ गई।

इसके बाद पुलिस भी वहीं पहुंची तो पता चला कि फुलेसर के लड़के ने कपड़े के आधार पर जिस शख्स की पहचान की है वो कोई और है। लड़के ने भी अपनी गलती स्वीकार कर ली। इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम रूकवा दिया और शव को पहचान के लिए मोर्चरी में रखवा दिया। फिलहाल शव की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

Exit mobile version