
भारतीय सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब रूस ने तीन साल पहले यूक्रेन पर हमला किया था, तब सबको लगा था कि यह जंग महज 10 दिन चलेगी। लेकिन आज भी यह युद्ध जारी है और शांति वार्ता की हर कोशिश नाकाम हो रही है।
आर्मी चीफ ने उदाहरण देते हुए कहा कि ईरान-इराक युद्ध लगभग 10 साल तक चला था। इसी संदर्भ में उन्होंने बताया कि युद्ध हमेशा अप्रत्याशित होता है और इसकी समयसीमा का अनुमान लगाना बेहद कठिन है। उन्होंने कहा, “हममें से ज्यादातर लोगों ने सोचा था कि ऑपरेशन सिंदूर भी कुछ दिनों का ही होगा, लेकिन युद्ध और सैन्य अभियानों का मनोवैज्ञानिक असर अनुमान से कहीं अलग होता है।”
द्विवेदी ने माना कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर शुरुआती अनुमान गलत साबित हुए। उन्होंने कहा कि युद्ध की दिशा और उसकी अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि दुश्मन के पास कैसी तकनीक है और वह उसे कैसे इस्तेमाल करता है। आज के समय में कम लागत वाली, उच्च तकनीक बेहद प्रभावी साबित हो रही है और बड़े से बड़े प्रतिद्वंद्वी को चुनौती देने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि हमें हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे पास लंबी लड़ाई के लिए पर्याप्त संसाधन हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि पारंपरिक “डेविड बनाम गोलियाथ” प्रणाली अब उतनी कारगर नहीं है, बल्कि स्मार्ट टेक्नोलॉजी ही निर्णायक भूमिका निभा रही है।
याद दिला दें कि हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तीनों सेनाओं ने मिलकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया था, जिससे पाकिस्तान हताश होकर जवाबी कार्रवाई करने पर मजबूर हुआ था।