शिमला वेब डेस्क / स्कूटी मात्र 60 हज़ार की लेकिन अपने मन पसंद नंबर के लिए गाड़ी मालिक को खर्च करने पड़े पूरे 18 लाख रुपये | दरअसल इस नंबर के लिए कई अन्य लोगों ने भी दावेदारी की थी | इस दौरान ऑनलाइन बोली लग रही थी | प्रतिस्पर्धा इतनी बड़ी की इस नंबर के लिए कोई भी दांव लगाने से पीछे नहीं हट रहा था | 50 हज़ार ऑफसेट प्राइस वाले इस नंबर की बोली जब 15 लाख तक पहुंची तब तक कुछ लोग अपने घुटने टेक चुके थे | इसके बावजूद भी आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार बोलियां बोल रहे थे | आखिरकार 18 लाख में दांव रुक गया | फिर उस शख्स ने नंबर 1 में ड्राफ्ट के जरिये इस रकम को अदा किया |
पुरानी कहावत है ‘शौक बड़ी चीज है’ | जी हां वाकई शौक पूरा करने के लिए कई लोग ना तो वक़्त का इंतज़ार करते है और ना ही अपने जेब की ओर देखते है | अपने शौक को पूरा करने के लिए बस उनकी नज़र तिजोरी में रखी रकम पर ही जाती है | ऐसा मामला सामने आया हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन निगम में |
एक शख्स ने अपनी कंपनी के नाम पर मात्र 60 हजार रुपये की स्कूटी खरीदी | लेकिन उसके वीवीआईपी नंबर लेने में 18 लाख रुपये खर्च कर दिए | बताया जाता है कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में एक निजी कंपनी राहुल पैम प्राइवेट लिमिटेड ने कंपनी के नाम पर यह स्कूटी खरीदी थी | यह कंपनी परिवहन विभाग से इस स्कूटी के लिए नंबर HP 90-0009 की मांग की थी | लेकिन इसके लिए उससे ऑनलाइन बोली में हिस्सा लेना पड़ा |
राज्य सरकार ने वीआईपी नंबर के लिए पिछले हफ्ते ही खुली बोली लगाने की अधिसूचना जारी की थी | इन नंबरों के लिए कई दांवेदार मैदान में आये | किसी ने कार के लिए तो किसी ने SUV के लिए VIP नंबर माँगा | लेकिन एक शख्स ऐसा भी रहा जो अपनी स्कूटी के नंबर के लिए आखिरी वक़्त तक मैदान में डटे रहा | उसने अपनी कंपनी की ओर से वीआईपी नंबरों के लिए होने वाली ऑनलाइन बोली में हिस्सा लिया था | आखिरकार उसने सबसे ऊंची बोली लगाकर इस नंबर को हासिल कर लिया |
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बताया जाता है कि बोली की शुरुआत पिछले शनिवार से हुई थी | और इस शनिवार को यह समाप्त हुई | एक हफ्ते तक चली ऑनलाइन बोली में स्कूटी के वीआईपी नंबर के लिए इस कंपनी की तरफ से 18 लाख 22 हजार 500 रुपये की बोली लगाई गई थी | इस कंपनी ने तीन दिनों के भीतर एसडीएम दफ्तर में यह राशि जमा करवा दी | इसके बाद उन्हें यह वीआईपी नंबर स्कूटी पर दर्ज करने इजाजत दे दी |