
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली कोच बनने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने राजनीति में आने की संभावना सिरे से खारिज कर दी है। जुलाई में 53 साल के होने जा रहे गांगुली ने एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में कहा कि उन्हें भारतीय टीम के कोच की भूमिका निभाने में कोई आपत्ति नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह टीम इंडिया के कोच बनना चाहेंगे, तो गांगुली ने कहा, “मैंने इसके बारे में खास सोचा नहीं है क्योंकि मैं अलग-अलग भूमिकाओं में रहा हूं। 2013 में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट छोड़ा, फिर बीसीसीआई अध्यक्ष बना। देखते हैं आगे क्या होता है। मुझे कोच बनने से ऐतराज नहीं है।”
हालांकि, राजनीति में आने के सवाल पर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है।” यहां तक कि अगर उन्हें पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री बनने की पेशकश भी हो, तब भी उनका जवाब साफ है—”कोई रूचि नहीं।”
गांगुली ने मौजूदा भारतीय कोच गौतम गंभीर की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि गंभीर की शुरुआत भले ही धीमी रही, लेकिन चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद उन्होंने लय पकड़ ली है। इंग्लैंड के खिलाफ आगामी सीरीज़ को उन्होंने गंभीर के लिए बड़ी परीक्षा बताया।
गंभीर के कोचिंग स्टाइल पर गांगुली ने कहा, “वह सीधी बात करता है, पारदर्शी है और अपने विचार स्पष्ट रूप से रखता है। मैंने उसके जुनून को देखा है।” उन्होंने यह भी याद किया कि गंभीर हमेशा सीनियर खिलाड़ियों का सम्मान करता था।
अंत में गांगुली ने कहा, “मैं गंभीर को शुभकामनाएं देता हूं। अभी तो उसे कोच बने एक ही साल हुआ है। वह और बेहतर करेगा।”