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छत्तीसगढ़ में सौम्या का रिमोट चर्चा में, लाखों की भीड़ में स्मृति ईरानी का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कटाक्ष, पूछा – रिमोट कंट्रोल सोनिया के या फिर सौम्या के पास ? अब भूपेश भी चुप और कांग्रेस की भी चुप्पी

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में भाजपा महिला मंडल ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है। प्रदेश में महिला उत्पीड़न के खिलाफ महतारी हुंकार रैली के जरिये पहला निशाना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बेहद करीबी सौम्या चौरसिया पर साधा गया है। भूपेश बघेल और सौम्या को लेकर बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने सीधा सवाल किया है। बिलासपुर में एक बड़ी रैली में केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा है कि छत्तीसगढ़ में राज किसका है ? आखिर रिमोट कंट्रोल किसके पास है। सोनिया जी या सौम्या। स्मृति ईरानी के इस सवाल पर भीड़ ने जमकर तालियां बजाई।  

स्मृति ईरानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में यह जानना जरुरी है कि आखिर राज किसका है, उन्होंने कहा कि एक वक्त ऐसा था जब हिंदुस्तान में केंद्र सरकार कांग्रेस पार्टी चला रही थी। उन्होंने कहा कि इस दौर में जब हम जनता से पूछते थे कि राज किसका है, तो जनता बोलती थी, सोनिया जी का। आज वक्त कांग्रेस का छत्तीसगढ़ में है, तो मैं भूपेश जी से पूछना चाहती हूँ, रिमोट कंट्रोल किसके हाथ में है भूपेश जी। सोनिया जी के हाथ में है या सौम्या जी के हाथ में है ? केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के इस सवाल को सुनकर जनता ने जमकर तालियां ठोकी। 

सवाल किया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार कौन चला रहा है सोनिया जी या सौम्या? उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा कि रिमोट कंट्रोल किसके पास है। सौम्या के या सोनिया जी के पास। स्मृति ईरानी के इस तंज से साफ़ नजर आ रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया के चर्चे मुख्यमंत्री कार्यालय और बंगले से बाहर निकलकर गांव – कस्बों, गली – चौराहो, नुक्क्ड़ों और पान के ठेलो तक लोगों की जुबान पर है।

स्मृति ईरानी के इस कटाक्ष से छत्तीसगढ़ में सौम्या चौरसिया के कारनामे एक बार फिर सुर्खियों में आ गए है। दिलचस्प बात यह है कि जनता की अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सौम्या चौरसिया का दंश लोग झेल रहे है। छत्तीसगढ़ शासन की छवि धूमिल हो रही है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सौम्या पर वरदहस्त बना हुआ है। 

सूत्र बताते है कि सौम्या के खिलाफ वैधानिक और विभागीय कार्यावाही की लम्बी फहरिस्त शासन के पास है। उसकी कार्यप्रणाली को लेकर अदालती फैसलों से शासन की भद्द पिटी है।IT – ED करोड़ों के भ्रष्टाचार गब्बर सिंह टैक्स की वसूली और आय से अधिक संपत्ति के मामलो को लेकर सौम्या से लगातार पूछताछ कर रही है। IT डिपार्टमेंट ने तो सौम्या और उसके गिरोह के खिलाफ दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया है।

IT ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर भी सौम्या चौरसिया की काली करतूतों को संज्ञान में लाया है।  उसने आखिर कैसे डिजिटल सबूत नष्ट करने के लिए सिंगापुर से मोबाईल चैट डिलीट करवाई, इसे लेकर भी केंद्रीय एजेंसिया उससे पूछताछ कर रही है। सूर्यकान्त तिवारी, बिट्टू, क्षितिज (चिप्स वाले), IAS रानू साहू, जेल में बंद IAS समीर विश्नोई और अनिल टुटेजा के साथ अंजाम दिए गए कई आर्थिक अपराधों को लेकर सौम्या सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री से करीबी संबंधों के चलते उसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही से जुडी कायदे कानूनों की किताबे रद्दी की टोकरी में डाली जा रही है। कानून के रखवाले कानून तोड़ने वाले के शिकंजे में है।    

इन सभी तथ्यों को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाये जाने के बावजूद भूपेश बघेल का कार्यवाही को लेकर हाथ पीछे खींच लेना किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा कर रहा है। दिल्ली से आई स्मृति ईरानी के साथ – साथ राज्य की जनता भी पूछने लगी है कि आखिर माजरा क्या है ? क्यों एक मुख्यमंत्री एक सामान्य डिप्टी कलेक्टर स्तर की महिला अफसर के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने से पीछे हट रहे है।    

राज्य के दो मुख्यमंत्री पहले स्वर्गीय अजीत जोगी और उसके बाद रमन सिंह कभी भी अपने अधीनस्थ किसी महिला कर्मचारी को लेकर इतने चर्चित नहीं हुए। उनके कार्यालय में भी दर्जनों महिलाएं अपनी सरकारी सेवाएं देती थी। लेकिन उनकी कार्यप्रणाली को लेकर कभी भी गतिरोध नहीं देखा गया।

जूनियर और सीनियर अफसरों के बीच अनुशासन और आपसी संबंधों को लेकर एक दायरा देखा जाता था। लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रुख से सौम्या को प्राप्त सरंक्षण सरकारी कायदे कानूनों के निर्वाहन पर भी भारी पड़ रहा है। सौम्या के खिलाफ शिकायतों पर कार्यवाही के लिए ना तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हरी झंडी दे रहे है, और ना ही मुख्यसचिव कार्यालय वैधानिक कार्यवाही के लिए हिम्मत जुटा रहा है।

उसे अंदेशा है कि इस सरकारी नौकर के हाथो में ही रिमोट कंट्रोल है। इसका खामियाजा उन अफसरों को भोगना पड़ सकता है जो विभागीय कार्यावाही के लिए अपनी कलम चलाएगा। 

उधर सौम्या चौरसिया पर निशाना साध कर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राजनीति गरमा दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि पर यह एक चर्चित हमले के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि इसका जवाब ना तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और ना ही कांग्रेस पार्टी दे रही है। अलबत्ता सौम्या को छोड़ बीजेपी और उसके नेताओं के तमाम आरोपों पर कांग्रेस हमलावर है। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री बघेल स्मृति ईरानी के इस सवाल का जवाब देकर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। 

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