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NEWS TODAY CG छत्तीसगढ़ में जेल से शासन, सौम्या का रातो रात CMO पोर्टल से हटा नाम लेकिन निलंबन आदेश हवा में, सरकारी पतंग पर नजर, विपक्ष पूछ रहा – ये रिश्ता क्या कहलाता है…? देंखे वीडियो….

रायपुर : छत्तीसगढ़ में राज्य की सुपर सीएम सौम्या चौरसिया के जेल की हवा खाते लगभग 5 माह बीत चुके है। इतने महीनो में विधान सभा के 2 सत्र बीत गए। लेकिन इस कुख्यात अभियुक्त का अभी तक निलंबन आदेश सामने नहीं आया है। बताते है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के CMO पोर्टल पर सौम्या चौरसिया का नाम और पद दोनों प्रभावशील तरीके से दर्ज था। इससे साफ हो रहा है कि सौम्या चौरसिया को अभी तक निलंबित नहीं किया गया है।

बताते है कि CMO पोर्टल पर विपक्ष की आपत्ति के बाद रातो-रात सौम्या का नाम पोर्टल से हटा लिया गया था। लेकिन विपक्ष सौम्या के निलंबन आदेश की पूर्ण प्रतिलिपि सार्वजनिक करने की मांग कर रहा है। विपक्ष यह भी पूछ रहा है कि सौम्या चौरसिया का अभी भी कार्यरत रहना मुख्यमंत्री बघेल की कार्यप्रणाली और मंशा पर सवालिया निशान लगाता है। उसका आरोप है कि सौम्या जेल से शासन चला रही है। 

बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सौम्या का निलंबन आदेश आखिर क्यों जनता से छिपाया जा रहा है ? उन्होंने संदेह जाहिर किया कि यदि उसे निलंबित कर दिया होता तो, उसका नाम CMO वेबसाइट पर प्रभावशील नहीं दर्ज आता। उनके मुताबिक विपक्ष की आपत्ति के बाद रातो-रात सौम्या का नाम CMO से हटा लिया गया था, इससे साफ है कि दाल ही काली है। 

गौरतलब है कि किसी भी सरकारी सेवक की गिरफ़्तारी के लगभग 24 घंटे अथवा विधिवत समय सीमा के बाद उसे निलंबित कर दिया जाता है। लेकिन मुख्यमंत्री बघेल की उपसचिव को निलंबित करने का प्रकरण कई महीनो से लटका रहा। प्रेस मीडिया और विपक्ष की फटकार के बाद सोशल मीडिया में एक आधा अधूरा-कटाफटा एक आदेश वायरल हुआ था। इस आदेश के ऊपरी हिस्से में निलंबन की इबारत तो दर्ज थी। लेकिन सील थप्पे और मुहर वाला आधा हिस्सा नदारद था। 

बताते है कि कई प्रयासों और RTI दायर करने के बावजूद भी शिकायतकर्ताओं को सौम्या का निलंबन आदेश उपलब्ध नहीं हो पाया है। इस आदेश के दर्शन जनता को न तो सरकारी पटल पर हो रहे है, और न ही CMO पोर्टल में। अलबत्ता CMO कार्यालय में कार्यरत सौम्या का नाम देख कर लोग हैरानी जता रहे थे। फ़िलहाल तो उन्हें सौम्या का न तो नाम नजर आ रहा है, और न ही पोर्टल पर उसका निलंबन आदेश। ऐसे में विपक्ष का यह पूछना कि ये रिश्ता क्या कहलाता है ? लाजिमी ही प्रतीत पड़ता है। देंखे वीडियो….

   

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