एंटरटेनमेंट वेब डेस्क / बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद कोरोना वायरस के चलते पिछले तीन महीने से लगातार सैकड़ों प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं। सोनू ने बस, ट्रेन और फ्लाइट के जरीए लोगों को न सिर्फ उनके घर तक पहुंचाया था, बल्कि रास्ते में उनके खाने-पीने का भी इंतजाम किया था। वहीं अब खबर है कि सोनू भारत के करीब 3 हजार स्टूडेंट्स की मदद के लिए आगे आए हैं, जो किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई करने गए थे। लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते वहीं फंस गए।
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इनमें कई छात्र बिहार- झारखंड के भी हैं। बताया जा रहा है कि इन छात्रों को किर्गिस्तान से निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सोनू सूद उन्हें एयरलिफ्ट करा रहे हैं। सोनू सूद ने इन बच्चों की वापसी के लिए कई ट्वीट किए हैं।
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हाल ही में सोनू ने इन छात्रों के लिए ट्वीट में कहा-‘किर्गिस्तान के सभी छात्रों को सूचित करना है कि घर जाने का समय आ गया है। 22 जुलाई को पहला चार्टर बिश्केक- वारनासी का संचालन कर रहे हैं। इसकी डिटेलस जल्द ही आपकी ईमेल आईडी और मोबाइल फोन पर भेज दी जाएगी। अन्य राज्यों के चार्ट भी इसी हफ्ते उड़ान भरेंगे।
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मेडिकल छात्र सद्दाम ने ट्वीट कर कहा- हम किर्गिस्तान के एशियन मेडिकल इंस्टीट्यूट (एएमआई) में मेडिकल की डिग्री हासिल करने आए 3000 भारतीय छात्रों की मदद के सामूहिक प्रयास के लिए सोनू सूद, कुणाल सारंगी और रेखा मिश्रा को धन्यवाद देते हैं, जो वैश्विक महामारी कोविड -19 द्वारा सबसे अधिक प्रभावित कई देशों में से एक है। सद्दाम ने अपने ट्वीट में कहा-‘हमें बचाने और हमें निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और सोनू सूद ने हमें आश्वासन दिया है कि हमें अपनी भारत यात्रा के लिए कोई उड़ान शुल्क नहीं देना होगा।
बीते दिनों सोनू सूद ने यह भी ऐलान कर दिया कि वह अपनी जिंदगी के इस सबसे बड़े और कठिन संघर्ष की कहानी को एक किताब पर उतारने जा रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी के बीच हजारों प्रवासी मजदूरों की मदद कर देश भर में चर्चा में आए सोनू सूद अब अपने इन अनुभवों को किताब की शक्ल देने जा रहे हैं।