एलंगा राव
बीजापुर / छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले की एक आदिवासी बच्ची की मदद के लिए बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया। बच्ची का रोते हुए एक वीडियो ट्विटर पर वायरल हो गया। इसे रीट्वीट करके सोनू सूद ने लिखा- आंसू पोंछ ले बहन…किताबें भी नई होंगी..घर भी नया होगा। सोनू सूद लॉकडाउन के समय से ही लोगों की मदद करने का अभियान चला रहे हैं। बच्ची का वीडियो 15-16 अगस्त का बताया जा रहा है।
मुकेश चंद्राकर ने एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया। जिसमें एक लड़की रोती दिख रही है। उन्होंने लिखा, 15-16 अगस्त की दरम्यानी रात आये बाढ़ में अंजली का घर लगभग जमींदोज हो गया। नेस्तानाबूद हुए घर को देखकर तो नहीं मगर बांस की बनी टोकरी में रखी हुईं अपनी भीगी हुई पुस्तकों को देख इस आदिवासी बच्ची के आंखों में आंसू आ गए। किसी आदिवासी बच्ची में ऐसा पुस्तक प्रेम मैंने पहली दफे देखा। इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए सोनू ने लिखा- आंसू पोंछ ले बहन, किताबें भी नयीं होंगी.. घर भी नया होगा।
दरअसल, ये वीडियो जिले के कोमला गांव का है। वीडियो में दिख रही बच्ची का नाम अंजली कुड़ियाम है। बीजापुर के कई गांवों की तरह इस गांव में भी बारिश और बाढ़ की वजह से लोगों का काफी नुकसान हुआ है। बुधवार को इस वीडियो के चर्चा में आते ही जिला प्रशासन भी हरकत में आया। अब जिला प्रशासन ने दावा किया है कि अंजली को पीएटी परीक्षा की तैयारी और मकान बनाने की मदद पहुंचाई गई है। क्षेत्र के विधायक विक्रम मंडावी अंजली के गांव पहुंचे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी मदद पहुंचाने के निर्देश दिए थे। अंजलि कुड़ियाम को मकान बनाने के लिए एक लाख एक हजार 9 सौ रुपए और किताबें भी दी गईं।
उधर कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने ट्वीट कर कहा कि सोनू सूद जी आपकी सद्भावना का सम्मान है, लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार है, जो अपने राज्य की बेटियों का ख्याल रखने के लिए सक्षम है | बहुत जल्द बिटिया को नई किताबें और घर मिल जाएगा | जिम्मेदार लोगों से बात हो चुकी है | आपकी सद्भावना के लिए एक बार फिर से धन्यवाद
सोनू सूद कोरोना वायरस फैलने के बाद लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद ने हजारों प्रवासी मजदूरों और कामगारों को उनके घर भेजा था। इसके बाद से लगातार सोशल मीडिया पर लोग उनसे मदद मांगते हैं। वो लगातार मदद करते भी हैं। एक्टर के तौर पर सोनू सूद पहले से मशहूर रहे हैं लेकिन कोरोना संकट के बाद उनकी ये नई पहचान बनी है। सोनू सूद ने ‘प्रवासी रोजगार’ नामक एक पोर्टल की शुरुआत भी की है, जिसके माध्यम से वो मजदूरों को राजगार दिलाने का काम कर रहे हैं। कुछ समय पहले अपने बर्थडे पर उन्होंने तीन लाख लोगों को नौकरियों का वादा किया था।