बेटे की सजा ”माँ” को,छात्र से स्कूल ने लिखवाया ‘मैं शैतान हूं’,फिर मां को घंटों धूप में बैठाया, निजी स्कूलों की ज्यादतियों को लेकर बवाल  

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शिवपुरी : निजी स्कूलो में भले ही बच्चों की पढाई -लिखाई का दावा किया जाता हो। लेकिन असल पढाई -लिखाई का जिम्मा माँ -बाप के सिर मढ़ दिया जाता है। कई स्कूलो में मोटी फ़ीस वसूलने के बावजूद पढाई का जिम्मा माँ के सिर डालने का चलन जोरो पर है। निजी स्कूलो में बच्चों की पढाई -लिखाई औपचारिक बन गई है। पालकों को छात्रों के साथ होमवर्क से लेकर नियमित पढाई करनी होती है, फिर वे बच्चो को तैयार कर अगले सबक के लिए स्कूल भेजते है। कई घरों में बच्चो की पढाई का बीड़ा माँ को उठाना पड़ता है। लेकिन अब बच्चों की गलतियों के लिए स्कूलों में माँ को सजा देने का नया चलन शुरू हो गया है। 

मामला चौकाने वाला है, लेकिन हकीकत में घटित हुआ है। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से यह चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक स्कूल ने अपने छात्र को जो सजा दी वह भी चर्चा में है। स्कूल प्रशासन ने इस छात्र से लिखवाया ‘कि मैं शैतान हूं, मुझसे सब परेशान हैं। बच्चे को शालीनता से समझाने के बजाय स्कूल प्रशासन ने उस छात्र की मां को भी स्कूल बुला लिया। आरोप है कि पीड़ित माँ को स्कूल में तीन घंटे तक धूप में बिठाए रखा गया। पीड़ितों के इस आरोप के बाद हंगामा खड़ा हो गया है। पीड़ित परिजनों ने बाल कल्याण समिति में शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया गया है।

जानकारी के अनुसार मामला शिवपुरी शहर के गुरुनानक स्कूल का है। आरोप है कि यहां क्लास 9 में पढ़ने वाले एक छात्र को टीचरों ने मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है। मामले में बाल कल्याण समिति ने शिकायत मिलने के बाद स्कूल संचालक को नोटिस जारी किया है। बाल कल्याण समिति शिवपुरी की अध्यक्ष सुषमा पांडे के मुताबिक पीड़ित माँ की शिकायत के आधार पर उन्होंने स्कूल प्रबंधन को बेहद सख्त लहजे में नोटिस जारी किया है। उन्होंने बताया कि तीन महीने में यह उनकी दूसरी शिकायत है।

न्यूज़ टुडे से उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन के जवाब के उपरांत मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। गुरुनानक स्कूल में कक्षा 9 में अध्यनरत के छात्र की मां ने बाल कल्याण समिति को शिकायत में बताया कि स्कूल में बच्चों के आपसी झगड़े के मामले में प्रबंधन ने एक तरफा कार्रवाई की। उसके बेटे से यह लिखवाया है कि मैं शैतान हूं और मेरे कारण सब परेशान रहते हैं। उससे यह लिखवाने का प्रयास किया गया कि अगर बच्चा मर जाए तो परिवार की ही जिम्मेदारी होगी। 

बच्चे को एक तरफा स्कूल से निष्काषित कर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है। स्कूल प्रबंधन ने बच्चे को यहां तक कह दिया है कि आप सिर्फ परीक्षा देने के लिए स्कूल आओगे। इसके अलावा पढ़ने के लिए आपको स्कूल आने की कोई आवश्यकता नहीं है। शिकायत में ये भी बताया गया कि छात्र और उसकी माँ को पूरे 3 घंटे तक धूप में खड़ा किया गया। उधर स्कूल प्रबंधन सूत्रों के मुताबिक एक छात्र की शिकायतें मिलने के बाद सजा दी गई थी। जानकारी में बताया गया कि छात्र आए दिन अपने स्कूल के बाहर के दोस्तों को बुलवा कर सहपाठियों की पिटाई लगवाता है। इसका वीडियो भी साक्ष्य के रूप में स्कूल प्रबंधन के पास हैं। ऐसी घटनाओं के बाद पीड़ितों की शिकायत पर उसके परिजनों को बुलवाया गया था। ताकि छात्र सुधर सके। 

उधर पीड़ित छात्र और उसकी मां की शिकायत के बाद स्कूल ने अपनी सफाई दी हैं। प्रबंधन की ओर से बताया गया कि बच्चे को कुछ दिन के लिए निष्काषित किया गया है, बच्चे से सिर्फ इसलिए लिखवाया गया है कि बच्चा आगे से इस तरह की हरकत न करे। उनके मुताबिक छात्र आए दिन अपने स्कूल के बाहर के दोस्तों को बुलवाकर स्कूल के बच्चों की पिटाई लगवाता है। स्कूल संचालक महिपाल अरोरा का कहना है कि हमें बाल कल्याण समिति से नोटिस मिला है। हम बच्चे को मार तो सकते नहीं हैं, ऐसे में सजा देने के लिए या बच्चे को समझाने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा। उनके मुताबिक, जो शिकायत दर्ज कराई गई है, उसमें कई तथ्य गलत हैं, बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया हैं। 

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