एक्टिव फ़ार्म में सोनिया गांधी, कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक कल,पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की घेराबंदी, गुलाम नवी आजाद को पद्म पुरुष्कार पर मंथन की सम्भावना, जी 23 की निगाहे एजेंडे पर…

0
5

“सुनील नामदेव”

नई दिल्ली:- दिल्ली के राजनैतिक गलियारों में कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर शुक्रवार को होने वाले मंथन को लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है. कांग्रेस शासित राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन के साथ साथ 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति पर अभी से चर्चा शुरू हो गई है. हालाकि बैठक का एजेंडा अभी सामने नहीं आया है. लिहाजा पार्टी के तमाम नेता बैठक में आमंत्रित सदस्यों को अपनी राय से अवगत करा रहे हैं. पार्टी के जी 23 ग्रुप के नेताओं की भी सक्रियता चर्चा में है. खासतौर पर गणतंत्र दिवस पर गुलाम नवी आज़ाद को पद्म पुरुष्कार मिलने से जी 23 गदगद है. इस बीच यह भी खबर आ रही है कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की तर्ज़ पर इस सम्मान को लौटाने के लिए गुलाम नवी आज़ाद पर भी दबाव बनाया जा रहा है. ख़बरों के मुताबिक़ आजाद ने अभी तक इस पुरुष्कार को स्वीकारे जाने को लेकर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है.सोनि‍या गांधी और राहुल गांधी द्वारा भी आजाद को बधाई दिए जाने का कोई समाचार नहीं मिला है.यहाँ तक कि पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है.

दरअसल, पद्म पुरस्कारों की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस खेमा दो टुकड़ों में बंट गया है, जहां गांधी परिवार के करीबी और राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने पुरस्कार स्वीकार करने के लिए आजाद पर कटाक्ष किया है. वहीं जी -23 समूह के दिग्गजों ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण पुरस्कार देने पर उन्हें इस पुरस्कार का योग्य बताया है. कपिल सिब्बल ने तो सबसे पहले ट्वीट कर लिखा कि गुलाम नबी आजाद को पदम भूषण मिला है. बधाई हो भाईजान. विडंबना यह है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता दे रहा है और कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है. पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने भी गुलाम नबी आजाद को बधाई देते हुए ट्वीट किया कि ‘गुलाम नबी जी को जन सेवा और संसदीय लोकतंत्र में उनके आजीवन समृद्ध योगदान के लिए योग्य सम्मान के लिए हार्दिक बधाई.’

शुक्रवार को 10 जनपथ पर होने वाली कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक इस लिहाज़ से भी अहम मानी जा रही है कि क्या बैठक में आजाद की पीठ भी थपथपाई जाएगी? क्या इसके लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया जाएगा? इसके अलावा बीजेपी की घेराबंदी और केंद्र सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर बैठक में चर्चा होने की संभावना है. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर ख़ास चर्चा की संभावना जताई जा रही है. इस बैठक की अध्यक्षता सोनिया गांधी करेंगी. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एके एंटनी, केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, के सुरेश, जयराम रमेश, मनिकम टैगोर और रवनीत बिट्टू इस बैठक में आमंत्रित किए गए है.