सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सायल का निधन, स्थानीय कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार,पीयूसीएल से जुड़े रहे अंतिम सांसो तक 

0
9

रायपुर। छत्तीसगढ़ समेत कई प्रांत में मानवाधिकार का डंडा झंडा उठाने वाले एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता राजेद्र सायल का सोमवार शाम रायपुर में निधन हो गया। वे पिछले कुछ अरसे से बीमार चल रहे थे। सोमवार दोपहर टिकरापारा कब्रिस्तान में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर कई सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार मौजूद थे | उनकी पत्नी शशि सायल भी एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता है | पुत्र अक्षय और आग्नेय वकालत कर रहे हैं।

राजेंद्र सायल पीयूसीएल नामक मानवाधिकार संस्था से अंतिम सासों तक जुड़े रहे | उन्होंने छत्तीसगढ़ में बंधुआ मजूदरों की रिहाई और नक्सल प्रभावित इलाकों में आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ी और बीमार होने के बावजूद उन मामलों को लेकर लगातार सक्रिय रहे। राजेंद्र सायल ने मजदूरों के शोषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी और हजारों बंधुआ मजदूरों को मुक्त करने के साथ ही उनका पुर्नवास भी करवाया था। 

उन्होंने बस्तर में नक्सल आरोपों में गिरफ्तार आदिवासियों के कानूनी अधिकारों के लिए संघर्ष किया | इसी का परिणाम है कि सैकड़ों बेकसूर आदिवासियों की रिहाई को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार को कदम उठाना पड़ा | वे मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी और उनके मजदूर संगठन छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से भी जुड़े रहे। उनके निधन पर कई सामाजिक संघठनो ने शोक व्यक्त किया है |