छत्तीसगढ़ में मारवाड़ियों के खिलाफ बड़े आंदोलन की फ़िराक में स्थानीय तबका , रायगढ़ में गांव गांव में लगने लगे भाग परदेशियाँ भाग के नारे , स्थानीय बनाम परदेशियाँ के अभियान के जरिये मारवाड़ियों को खदेड़ने की साजिश , देखे वीडियों 

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रायगढ़ / छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में मारवाड़ी समुदाय के खिलाफ आग सुलगने लगी है | कई गांव में स्थानीय आबादी एक ऐसे अभियान से जुड़ती नजर आ रही है जो आपत्तिजनक ही नहीं बल्कि गैर-क़ानूनी भी है | यहां खुल्लेआम भाग परदेशियाँ भाग के नारे लगाकर माहौल गरमाया जा रहा है | जानकारों के मुताबिक नारेबाजी कर रहे लोगों का छत्तीसगढ़ क्रांतिकारी मंच से सीधा नाता है | जानकारों के मुताबिक सुबह शाम कभी भी इस संगठन के कार्यकर्ता सार्वजनिक स्थानों पर एक समुदाय विशेष के खिलाफ नारेबाजी कर अपने अभियान को गति दे रहे है | 

https://youtu.be/_T2GyuD5hmI

गौरतलब है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ क्रांतिकारी संगठन ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मारवाड़ी समुदाय के खिलाफ काफी आपत्तीजनक बोल बोले थे | इस कार्यक्रम की व्यापक प्रतिक्रिया हुई थी | रायगढ़ में बड़ी तादाद में स्थानीय जनप्रतिनिधियों समेत मारवाड़ी समुदाय के लोगों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर हालात से वाकिफ कराया था | उन्होंने मारवाड़ी समुदाय को लेकर आपत्तिजनक भाषण देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की थी | 

https://youtu.be/itEkTAhSbrA

न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ को प्राप्त वीडियों और सूचनाओं के आधार पर इस समाचार का प्रकाशन किया गया है | हालांकि न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ ऐसे किसी वीडियों की आधिकारिक पुष्टि नहीं करता | सिर्फ अपने पाठकों और दर्शकों को सम सामायिक स्थिति से परिचित कराने के लिए इस समाचार का संकलन किया गया है |    

बताया जाता है कि वर्ष 1982-83 के दौरान छत्तसीगढ़ से सटे उड़ीसा राज्य में मारवाड़ियों के खिलाफ एक सामाजिक आंदोलन ने जोर पकड़ा था | इस आंदोलन का दुष्परिणाम मारवाड़ी समुदाय को झेलना पड़ा | इस दौरान कई घर परिवारों को जान-माल का नुकसान भी उठाना पड़ा था | इस सामाजिक आंदोलन के चलते मारवाड़ी समुदाय में पलायन की स्थिति निर्मित हुई थी | सूत्र बता रहे है कि रायगढ़ से सटे उड़ीसा के सरहदी इलाके में एक बार फिर मारवाड़ियों के खिलाफ स्थानीय संगठन दुष्प्रचार में जुटे है | इन संगठनों से प्रभावित होकर रायगढ़ में भी स्थानीय आबादी को भड़काने के लिए कुछ सामाजिक नेता आग में घी डालने का कार्य कर रहे है | उन्होंने अपने सामाजिक और स्वयं सेवी संस्थाओं के जरिये भाग परदेशियाँ भाग जैसे सामाजिक अभियानों को अंजाम दिया |     

दरअसल छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में स्थानीयता की भावना कुछ इस तरह से पनप रही है कि वो सामाजिक विद्वेष पैदा कर रही है | कुछ सामाजिक संगठनो को यहां निवासरत मारवाड़ी समुदाय फूटी आँख नहीं सुहा रहा है | लिहाजा वो इस समुदाय के खिलाफ क्षेत्रियता की भावना भड़का कर अपने अभियान को मूर्तरूप दे रहे है | राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को तेजी से पनप रहे इस आंदोलन की तह में जाकर वैधानिक कदम उठाने होंगे |