अंतागढ़ टेपकांड मामला में SIT ने अजीत जोगी, अमित जोगी को वाइस सैंपल के लिए नोटिस जारी कर 24 जून को जांच समिति के समक्ष पेश होने कहा है । उन्हें गंज थाना परिसर स्थित साइबर कंट्रोल रुम में सुबह 10.30 बजे अपनी उपस्थिति देनी होगी । जांच समिति दोनों का वॉइस सैंपल लेगी । मामले में कमेटी के पास गवाहों के अपराध से संबंधित पेनड्राइव में वॉइस रिकॉर्डिंग मौजूद है । सैंपल लेने के बाद दोनों वाइस रिकॉर्डिंग का मिलाना किया जाएगा ।
15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस अब राजनीति में भूचाल लाने वाले ऑडियो टेप की नए सिरे से जांच करवा रही है । इसके लिए एसआईटी का भी गठन कर दिया गया है । मामले में हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता, पहले कांग्रेस और अब भाजपा नेता मंतूराम पवार और भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है । रायपुर के पंडरी थाने में कांग्रेस नेत्री डॉ. किरणमयी नायक के आवेदन पर 420 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस रजिस्टर किया गया है | मामले में हाई प्रोफाइल लोगों के आरोपी बनाए जाने के कारणों को जानें ।
क्या है टेपकांड मामला
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद अंतागढ़ सीट खाली हुई और 12 सितंबर 2014 को वहां उप-चुनाव हुआ। चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के अलावा 13 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन नाम वापसी के अंतिम क्षणों में कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार ने चुनाव न लड़ने की घोषणा करते हुए आवेदन वापस ले लिया । मंतूराम ने ऐसे समय में आवेदन वापस लिया, जब कांग्रेस दूसरा उम्मीदवार खड़ा नहीं कर सकती थी ।
दिसंबर 2015 में सामने आए एक ऑडियो टेप ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया । इस ऑडियो टेप में हाईप्रोफाइल नामों पर आरोप लगे । इतना ही नहीं प्रदेश में थर्ड फ्रंट के रूप में उभरने वाली तीसरी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे की नींव का आधार भी यही टेपकांड बना । क्योंकि इस टेपकांड के बाद ही कांग्रेस के तत्कालीन दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को पार्टी से बाहर कर दिया गया । इसके बाद अजीत जोगी ने भी कांग्रेस छोड़ दी और नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया ।