SIT को दूसरा झटका , नान घोटाले में शामिल आरोपियों से जब्त पेनड्राइव SIT नहीं सौंपा जाएगा |

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नान घोटाले में शामिल आरोपियों से जब्त पेनड्राइव SIT  को जांच के लिए नहीं सौंपा जाएगा । कार्ट ने इसे जांच के लिए SIT  को दिए जाने पर छेड़छाड़ करने की आशंका जताई है । इससे साक्ष्य प्रभावित होने और गोपनीयता भंग होने का हवाला दते हुए SIT  की ओर से लगाए गए आवेदन को स्पेशल मजिस्ट्रेट लीना अग्रवाल ने सोमवार को खरिज कर दिया । 

बता दे कि नान घोटाले की दोबारा जांच कर रही है | SIT की ओर  11 जनवरी 2019 को कोर्ट में आवेदन लगाया गया था । नान घोटाले में आरोपी बनाए गए केके बारिक और गिरीश शर्मा से जब्त किए गए 6 पेनड्राइव उपलब्ध कराने की मांग की गई थी । इसकी जांच करने पर कमीशन लेने वालों के नाम सामने आने की दलील देते हुए इसे SIT  को सौंपे जाने का अनुरोध किया गया था । स्पेशल मजिस्ट्रेट ने उनके आवेदन को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था । कोर्ट इसके पहले नान की सुनवाई रोकने और सरकारी गवाह और नान के स्टेनो केके बारीक़ व अरविंद धुर्व को गिरफ्तार करने की दो अर्जिया नामंजूर कर चुकी है | अब कोर्ट ने तीसरी बार अर्जी ख़ारिज कर दी  | गौरतलब है कि कोर्ट ने मई तक नान घोटाले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने का निर्देश दिया है |  

नान घोटाले में छापेमारी के दौरान राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को नान कर्मी केके बारिक और गिरीष शर्मा के कम्प्यूटर में साक्ष्य मिले थे । इसका डाटा निकालने के बाद पेनड्राइव में लोड किया गया था । चालान पेश करने के दौरान इसे कोर्ट में जमा कराया गया था ।

स्पेशल कोर्ट में लगातार तीन आवेदन के खारिज होने से एसआईटी की परेशानी बढ़ सकती है । बताया जाता है कि पेनड्राइव के जरिए घोटाले की तह तक पहुंचने की योजना बनाई गई थी । इसे जांच के लिए एफएसएल लैब भेजने तक की तैयारी कर ली गई थी ।