
मुम्बई, 14 अगस्त 2025: बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति व्यवसायी राज कुंद्रा के खिलाफ एक बिजनेसमैन दीपक कोठारी ने 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए जुहू पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के बाद पुलिस ने धोखाधड़ी व जालसाजी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपी गई है।
खुशबू के रूप में मिली शिकायत में कोठारी का आरोप है कि उन्होंने शेट्टी- कुंद्रा की कंपनी Best Deal TV Pvt. Ltd. के साथ 2015 से 2023 के बीच व्यापारिक सौदे के तहत कुल 60 करोड़ रुपये दिए, जिन्हें बिजनेस बढ़ाने के नाम पर इस्तेमाल किया जाना था। हालांकि, उनके मुताबिक ये राशि कंपनी के कारोबार में निवेश न होकर शिल्पा-राज के निजी खर्चों में खर्च कर दी गई।

शिकायत में उठे मुख्य बिंदु
कोठारी ने दावा किया है कि अप्रैल 2015 में एक शेयर सब्सक्रिप्शन समझौते के तहत ₹31.9 करोड़ और सितंबर 2015 में एक पूरक समझौते के तहत ₹28.53 करोड़ ट्रांसफर किए गए।
प्रारंभिक दौर में लेन-देन और बिजनेस डील की बातचीत हुई, पर बाद में पैसे के इस्तेमाल से जुड़ी अनियमितताओं का खुलासा हुआ।
शिकायत में बताया गया है कि उस समय कम्पनी के अधिकांश शेयर (करीब 87.6%) शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के नाम थे।
शिल्पा शेट्टी ने 2016 में कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था; शिकायतकर्ता ने बताया कि उसी समय कंपनी पर 1.28 करोड़ रुपये का इंसॉल्वेंसी मामला भी सामने आया था।
EOW करेगी गहन जांच
पुलिस सूत्रों के अनुसार मामला गंभीरता से लिया गया है और जाँच आगे EOW को सौंप दी गई है। EOW फाइनेंशियल रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजैक्शन और कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न की विस्तार से पड़ताल करेगी। जांच के दौरान आरोपी पक्षों के बयानों के साथ-साथ संबंधित दस्तावेजों और ट्रांसफर के सबूतों की भी पड़ताल की जाएगी।
शिल्पा-राज की ओर से बयान का इंतजार
इस संबंध में शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक जवाब या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अगर दोनों की ओर से प्रतिक्रिया मिलती है तो इसे जोड़ा जाएगा। साथ ही, शिकायतकर्ता ने एजेंट के रूप में राजेश आर्य का भी नाम लिया है, जिसकी भूमिका की भी जांच की जाएगी।
कानूनी पहलू
धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं के तहत FIR दर्ज होने पर पुलिस आरोपियों के बैंक रिकार्ड, कंपनी दस्तावेज व संबंधित व्यक्तियों के बयान रिकॉर्ड कर मामले की प्रकृति के अनुसार आगे की कार्रवाई करेगी। यदि आरोप सिद्ध हुए तो सिविल व फौजदारी दायरे में दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
(यह रिपोर्ट दर्ज शिकायत पर आधारित है; अभी तक आरोप साबित नहीं हुए हैं। किसी भी व्यक्ति की दोषसिद्धि केवल अदालत के निर्णय से ही मान्य होगी।)