छत्तीसगढ़ में रासुका के खौफ के बीच शंकराचार्य ने दिखाए कड़े तेंवर,राहुल गांधी की तर्ज पर फाड़े छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड की पुस्तक के पन्ने, जानें क्या हुआ ? सरकार,कांग्रेस और बीजेपी की चुप्पी…

0
8

कवर्धा : छत्तीसगढ़ के दुर्ग में आश्चर्यजनक घटना में ज्योतिष्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड की पुस्तक के पन्ने यह कहते हुए फाड् दिए कि एक नियोजित तरीके से छोटे बच्चों के मन में साधुओं के प्रति विरोध भरा जा रहा है, ठग साधु स्वामी वेश में ही नहीं कई रूप में आते हैं। इस घटना ने कई लोगो को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी की वो दास्तान याद आ गई जब उन्होंने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के एक महत्वपूर्ण बिल के पन्ने फाड् दिए थे।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती इन दिनों छत्तीसगढ़ के कवर्धा में है। जिले के दो दिवसीय प्रवास पर यहाँ पहुंचे शंकराचार्य ने सरकार को भी उपदेश दिया है। उन्होंने धर्म में राजनीति और राजनीति में धर्म के पालन को लेकर राजनेताओ को राह भी दिखाई है। इस बीच एक कार्यक्रम में शंकरायाचार्य ने छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड की पांचवी कक्षा की किताब का एक पन्ना फाड़ दिया। भरी सभा में उन्होंने लोगों से अपील की कि इस पन्ने में जो लिखा है उसका विरोध करें, इसकी शिकायत करें। 

शंकराचार्य के इस कदम के बाद लोगो के बीच माथापच्ची हो रही है कि आखिर क्योँ उन्होंने छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड किताब के पन्ने क्यों फड़े? पढ़ने पर पता पड़ा कि छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी कक्षा 5वीं की पुस्तक में चमत्कार नाम से लिखे एक पाठ में ठगी को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। शंकरायाचार्य ने इसे उजागर कर लोगो का ध्यान दिलाया है,लेकिन इसके साथ अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है।

बताते है कि कई सालो से बच्चे कक्षा 5वीं के पाठ 25 में ठगी को लेकर जो लेख पढ़ रहे है,उसके चलते छात्रों के मन में साधु-संतो के प्रति गलत धारणा बन रही है। कई लोग मानते है कि लिखा गया लेख आपत्तिजनक है। बताते है कि इसका विरोध व्यक्त करते हुए ज्योतिष्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पुस्तक के पन्नों को भरी सभा में फाड़ते हुए इसका विरोध करने कि अपील की। उन्होंने इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ने का आव्हान भी किया। 

जानकारी के मुताबिक शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कवर्धा जिले के ग्राम जुनवानी में यज्ञ सभा को संबोधित कर रहे थे। शंकराचार्य ने कहा कि एक नियोजित तरीके से छोटे बच्चों के मन में साधुओं के प्रति विरोध भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ठग साधु स्वामी वेश में ही नहीं कई रूप में आते हैं. क्यों उसका उल्लेख नहीं किया गया, ये गलत है। शंकराचार्य ने पुस्तक में लिखे पाठ को हटाने की मांग की। 

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि, किताब में जो लिखा गया है, उसमें यह भी बताया जाए कि किसी भी कपड़े में ठगी हो सकती है, फकीर के वेश में भी बहुत ठग हैं, आतंकवादी घूम रहे हैं, उसके बारे में क्यों नहीं है, मुसलमान ही क्यों आतंकवादी निकलता है, क्योंकि मुसलमान का वेश तो रहता ही है ना उसका, वह क्यों नहीं बता रहे हो इसमें, उससे ज्यादा संभलने की जरूरत है।

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में NSA,आखिर किसे निपटाना चाहते हो सरकार ?

शंकराचार्य ने कहा कि “हर एयरपोर्ट में एक-एक इंच हमारी जांच की जा रही है” उसके बारे में आप बच्चों को सजेस्ट नहीं कर रहे हो, उसके मन में जहर बो रहे हैं | हमारी मांग है कि सबसे पहले इस पाठ को इस पाठ्य पुस्तक से अलग किया जाना चाहिए। जाकिर अली इसके लेखक हैं और जो इस पाठ को इस पाठ्यपुस्तक में शामिल कराने वाले हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में NSA कानून लागू ?

फिलहाल शंकराचार्य का यह बयान प्रदेश की राजनीति में काफी चर्चित हो रहा है। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि मामला राजनैतिक रंग ना ले ले। दरअसल,राज्य में NSA मार्च 2023 तक लागू है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खौफ के चलते कई नेताओं की बोलती बंद है। ऐसे समय शंकराचार्य का यह बयान सुर्ख़ियों में है। सरकारी पाठ्यक्रम को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार और सत्ताधारी कांग्रेस जबकि मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने इस मामले में अभी अपनी कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।