लखनऊ:- भारत की पहली स्वदेशी पनडुब्बी ‘शल्की’ को आज ही के दिन नौसेना में शामिल किया गया था. 7 फरवरी 1992 को नौसेना ने इसे अपने बड़े में शामिल कर समुद्र में हलचल पैदा कर दी थी. चीन,अमेरिका,फ़्रांस और रूस जैसी महाशक्ति ने भी ‘शल्की’ की बेजोड़ तकनीकी पहलुओ का लोहा माना था.
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इसके साथ ही भारत ने सामरिक दृष्टि से स्वदेशी रक्षा प्रणाली की ओर अपने कदम तेज़ी से बढाए थे. बताया जाता है कि शक्ति परीक्षण के दौर में करीब तीन साल तक ‘शल्की’ को कई समुद्री परीक्षणों से गुजरना पड़ा था. शिशुमार श्रेणी की यह डीज़ल-मोटर पनडुब्बी आज भी देश की सेवा में जुटी है.
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इसकी याद को तरो-ताजा रखते हुए ‘शल्की’ का आज जन्मदिन मनाया गया. दरअसल आईएनएस ‘शल्की’ की खूबियों से प्रभावित होकर एक परिवार ने अपनी बड़ी बेटी का नाम ‘शल्की’ रखा है. जन्मदिवस के मौके पर ‘शल्की’ के साथ उसकी छोटी बहन शैल ने अपनी उपस्थिति दर्ज कर खुशियाँ बिखेरी.
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इस मौके पर केक काटकर आईएनएस ‘शल्की’ के शौर्य और पराक्रम को याद किया गया. जानकार बताते हैं कि ‘शल्की’ शब्द संस्कृत के ‘शलकिन’ से बना है, इसका अर्थ म्रत्स्य,मछली या मीन होता है.