Atiq Ahmed: अतीक अहमद की हत्या के बाद प्रयागराज आई थी शाइस्ता, आखिरी बार देखना चाहती थी पति का चेहरा

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Atiq Ahmed Shootout: माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की खबर मिलने के बाद शाइस्ता परवीन प्रयागराज आई थी. वो अतीक की हत्या के बाद आखिरी बार उसका दीदार करना चाहती थी, उसे कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किए जाने से पहले आखिरी बार उसका चेहरा देखने चाहती थी, लेकिन पुलिस के सख्त पहरे की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाई. सूत्रों के मुताबिक शाइस्ता के साथ उमेश पाल हत्याकांड का शूटर साबिर भी था. दोनों अतीक को एक बार देखना चाहते थे.

सूत्रों का दावा है कि अतीक अहमद की हत्या के बाद उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन 16 अप्रैल को प्रयागराज आई थी. शाइस्ता यहां खुल्दाबाद इलाके में अतीक अहमद के एक बेहद करीबी के घर पर रुकी हुई थी. अतीक को कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किए जाने से पहले वो उसका आखिरी बार चेहरा देखना चाहती थी. सूत्रों के मुताबिक शाइस्ता के साथ उमेश पाल शूटआउट केस का शूटर साबिर भी था. दोनों उस दिन कसारी मसारी कब्रिस्तान जाना चाहते थे ताकि वो अतीक अहमद के जनाजे में शामिल हो सके और आखिरी बार उसे देख सके.

अतीक को आखिरी बार देखना चाहती थी शाइस्ता
शाइस्ता कुछ बुर्कानशीं महिलाओं की भीड़ के बीच कब्रिस्तान जाने की फिराक में थी. लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से जिस तरह से कसारी मसारी कब्रिस्तान के आसपास पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया उसके बाद शाइस्ता को अपना इरादा बदलना पड़ा था. मीडिया में सुरक्षा इंतजामों की लाइव तस्वीरें देखने के बाद शाइस्ता कब्रिस्तान जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी. कब्रिस्तान में दाखिल होने वाले हर शख्स की आईडी चेक की जा रही थी और उसकी तस्वीरें ली जा रही थी, इसी वजह से शाइस्ता और साबिर का प्लान फेल हो गया था.

खबरों के मुताबिक शाइस्ता और साबिर 16 अप्रैल की रात अतीक के करीबी जफर के घर पर ही रुके थे, इसके बाद 17 अप्रैल की सुबह दोनों यहां से वापस कहीं चले गए थे. दो मई को साबिर एक बार फिर से इसी घर में आया था. शाइस्ता ने उसे आर्थिक मदद के लिए यहां भेजा था. 2 मई को भी कुछ देर रुकने के बाद साबिर वापस यहां से चला गया.

अतीक की हत्या के बाद प्रयागराज आई थी शाइस्ता
इस खबर के बाद प्रयागराज पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं. प्रयागराज की पुलिस जिस शाइस्ता परवीन और साबिर को पूरे देश में ढूंढ रही है वो पति की हत्या के बाद शहर में आकर रुकती है और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पाती है. पुलिस को इस बात की जानकारी शाइस्ता परवीन के पुलिस एनकाउंटर में मारे गए बेटे असद अहमद के दोस्त आतिन जफर को हिरासत में लिए जाने के दौरान हुई. आतिन जफर ने ही उमेश पाल शूटआउट केस के दौरान असद का मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड इस्तेमाल किया था. आतिन जफर के पिता जफर उल्लाह के घर पर ही शाइस्ता और साबिर 16 अप्रैल को रुके थे. जफर देवरिया जेल कांड में अतीक अहमद के साथ आरोपी है.