वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह का निधन, 86 साल की उम्र में ली आखिरी सांस, पीएम मोदी, राहुल गांधी ने जताया शोक

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नई दिल्ली / देश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बूटा सिंह का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया है। वह 86 साल के थे। वह बिहार के राज्यपाल भी रहे थे। बूटा सिंह का जन्म 21 मार्च, 1934 को पंजाब के जालंधर जिले के मुस्तफापुर गांव में हुआ था। 86 साल के बूटा सिंह के दो बेटे और एक बेटी हैं। सरदार बूटा सिंह 8 बार लोकसभा के लिए चुने गए। उन्हें नेहरू-गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता था। बूटा सिंह का अंतिम संस्कार आज ही किया जाएगा। बूटा सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि मंत्री, रेल मंत्री, खेल मंत्री और अन्य कार्यभार के इलावा बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता को बूटा सिंह लंबे समय से बीमार थे। उन्हें अक्टूबर में ब्रेन हैमरेज के बाद एम्स  में भर्ती कराया गया था। बूटा सिंह राजीव गांधी सरकार में गृह मंत्री भी रहे थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 1967 से लगातार पंजाब के रोपड़ चुनाव लड़ते आ रहे थे। हालांकि, 1984 में रंग बदला था वजह थी ऑपरेशन ब्लू स्टार और 84 के सिख विरोधी दंगे। इस दौरान पंजाब में चुनाव के हालात तो नहीं थे। ऐसे में राजीव गांधी ने उस समय बूटा सिंह को पंजाब से राजस्थान भेज दिया था। मारवाड़ का इलाका और जालौर की सुरक्षित सीट पर बूटा सिंह ने तब आसानी से जीत दर्ज की थी।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह एक अनुभवी नेता और कुशल प्रशासक थे। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने गरीबों और समाज में हाशिये पर चले गए लोगों के लिए आवाज उठाई। पीएम ने कहा कि वे उनके निधन से दुखी हैं और उनकी संवेदना बूटा सिंह के परिवार के साथ है। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बूटा सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि सरदार बूटा सिंह के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।